मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को उत्तर पूर्व जिलाधिकारी कार्यालय में दिल्ली हिंसा के पीड़ितों के लिए उठाए गए राहत व पुनर्वास कार्य की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और प्रदेश के मुख्य सचिव, एसडीएम समेत सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. अरविंद केजरीवाल ने डर की वजह से घर छोड़कर चले गए लोगों से अपने घर लौटने और आपसी भाईचारे के साथ रहने की अपील की.
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए तत्काल राहत के लिए आर्थिक मदद देने की कर्यवाही शुरू कर दी है. शनिवार को जिन लोगों के फार्म मिले हैं, उन्हें रविवार सुबह तक तत्काल आर्थिक मदद के तौर पर 25-25 हजार रुपये नकद दे दिए जाएंगे. केजरीवाल ने कहा कि प्रभावित लोगों को मुआवजे के लिए नहीं भटकना होगा. पीड़ित लोगों की सूची तैयार होने के बाद अधिकारी जाकर फार्म देंगे.
इस बीच दिल्ली सरकार ने गृह परीक्षाएं आगामी सात फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी हैं. सीबीएसई बोर्ड से भी प्रभावित इलाकों में परीक्षाओं को कुछ समय के लिए स्थगित करने की अपील की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का सबसे पहला मकसद है कि हिंसा से प्रभावित लोगों की जिंदगियां सामान्य हों. हिंसा पूरी तरह से रुक चुकी है और अब हिंसा की वारदात की कहीं से कोई सूचना नहीं आ रही है. लोगों को अपनी जिंदगी दोबारा सुचारू रूप से शुरू कराने के लिए सरकार की ओर से जो भी सहायता हम लोग दे सकते हैं, वह दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिनकी दुकानें जल गई. बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिनके घर जल गए. कुछ लोगों की मौत हो गई. कई ऐसे लोग हैं जो घायल हैं. इन सभी लोगों को मुआवजा देने के लिए ऐलान किया है. दिल्ली के चार सब डिवीजन दंगे से प्रभावित हैं. इन चारों डिवीजन में 18 एसडीएम तैनात किए गए हैं.
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