भोपाल गैस त्रासदी (फाइल फोटो)
भोपाल:
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 31 वर्ष पूर्व हुए गैस हादसे में मारे गए लोगों के सुरक्षित रखे गए अंगों का कुछ अता-पता नहीं है। उनके गायब होने की आशंका जताई जा रही है। दो-तीन दिसंबर, 1984 की दरम्यानी रात यूनियन कार्बाइड संयंत्र से रिसी मिथाइल आइसो सायनाइड गैस के चलते तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन लोगों के पोस्टमार्टम हुए और कुछ अंगों को इसलिए सुरक्षित रखा गया, ताकि शोध में मदद मिल सके।
मुझे इस बारे में जानकारी नहीं : बड़कुल
उधर, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के वर्तमान फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. एमएस बडकुल ने कहा, 'गैस हादसे में मारे गए लोगों के कौन-कौन से अंग सुरक्षित रखे गए थे, इस बात की जानकारी उनके पास नहीं है। वह जब इस महाविद्यालय में आए थे, तब शोध का कार्य दूसरे लोगों के पास था, उनका इससे कोई संबंध नहीं है।' उन्होंने आगे कहा कि गैस हादसे की बरसी जब करीब आती है तब हादसे में मारे गए लोगों के अंग गायब होने की अफवाह जोर पकड़ती है, इस बार भी ऐसा ही कुछ है।
मुझे इस बारे में जानकारी नहीं : बड़कुल
उधर, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के वर्तमान फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. एमएस बडकुल ने कहा, 'गैस हादसे में मारे गए लोगों के कौन-कौन से अंग सुरक्षित रखे गए थे, इस बात की जानकारी उनके पास नहीं है। वह जब इस महाविद्यालय में आए थे, तब शोध का कार्य दूसरे लोगों के पास था, उनका इससे कोई संबंध नहीं है।' उन्होंने आगे कहा कि गैस हादसे की बरसी जब करीब आती है तब हादसे में मारे गए लोगों के अंग गायब होने की अफवाह जोर पकड़ती है, इस बार भी ऐसा ही कुछ है।
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