
मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में एक सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल और एक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया. यह कार्रवाई एक वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद की गई है. वीडियो में कथित तौर पर एक चपरासी को छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करते हुए देखा जा सकता है.
सूत्रों ने कहा कि पीड़ित छात्रों ने स्थानीय विधायक ठाकुरदास नागवंशी से संपर्क किया, जिन्होंने अधिकारियों के पास इस संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई.
पिपरिया स्थित भगत सिंह सरकारी कॉलेज के प्राचार्य राकेश वर्मा ने दावा किया कि उन्हें और प्रोफेसर रामगुलाम पटेल को चार अप्रैल को निलंबित कर दिया गया था.
वर्मा ने कहा कि उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का काम एक अतिथि शिक्षक को सौंपा गया था, जिसने कॉलेज में तैनात एक 'बुक लिफ्टर' के माध्यम से इसे एक चपरासी को सौंप दिया.
वर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप के सामने आने के बाद इस साल जनवरी में शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन्होंने आगे दावा किया कि प्रोफेसर पटेल को छिंदवाड़ा स्थित राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय द्वारा मूल्यांकन कार्य के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था.
वर्मा ने मूल्यांकन कार्य के नोडल अधिकारी के रूप में पटेल की नियुक्ति से संबंधित एक पत्र साझा करते हुए दावा किया, 'मुझे फंसाया गया.' पिछले साल अगस्त में यह पत्र जारी किया गया था.
उन्होंने बताया कि उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अपने निलंबन को रद्द करने का अनुरोध किया है.
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