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This Article is From Feb 24, 2017

यूपी विधानसभा चुनाव 2017 : 'गधे' पर अखिलेश यादव की बयानबाजी, एक तीर से दो निशाने

Rajeev Mishra
  • चुनावी ब्लॉग,
  • Updated:
    फ़रवरी 24, 2017 12:26 pm IST
    • Published On फ़रवरी 24, 2017 12:26 pm IST
    • Last Updated On फ़रवरी 24, 2017 12:26 pm IST
यूपी में आजकल गधों को लेकर राजनीति होने लगी और इसमें जुबानी जंग तेज है. शुरुआत सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की और फिर इस पर लगातार बयानबाजी चली आ रही है. एक जानवर किसी चुनाव में इतना महत्वपूर्ण हो जाएगा, कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा. उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव अपने चरम पर है. सात चरणों में चुनाव हो रहे हैं. चार चरणों का मतदान हो चुका है. प्रदेश के मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रायबरेली के ऊंचाहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमिताभ बच्चन से यह अपील की कि वह गुजरात के गधों का प्रचार ना करें.

अखिलेश का यह बयान प्रचार अभियान के स्तर को गिराने वाला तो है ही, कुछ सवाल भी खड़े कर रहा है. कहा जा रहा है और दिखाई भी दे रहा है कि अखिलेश यादव ने गुजरात पर्यटन के लिए अमिताभ बच्चन के प्रचार वाले वीडियो का उल्लेख करते हुए नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. यह माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी और गुजरात और अमिताभ बच्चन में अच्छे संबंध के चलते कहीं यह निशाना अमिताभ बच्चन पर तो नहीं है. कहीं अखिलेश यादव ने एक तीर से दो निशाना तो नहीं साधे...

वैसे अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन राज्य में जारी चुनाव प्रचार अभियान में अपनी भूमिका निभा रही हैं. अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के साथ जया सभाएं कर रहीं हैं, मंच साझा कर रहीं हैं.  वैसे पार्टी में कलह के बाद भी जया बच्चन ने मुलायम सिंह यादव का खेमा नहीं छोड़ा था. जबकि अमर सिंह को पार्टी से निकाले जाने पर जया प्रदा पार्टी छोड़कर उनके साथ चली गई थीं. फिर बाद में एक बार और अमर सिंह की पार्टी में वापसी हुई और अब फिर अमर सिंह राजनीतिक जगत में कहीं के नहीं रहे.

याद है कि अमिताभ बच्चन पहले गांधी परिवार के काफी करीब थे और बाद में किन्ही कारणों से गांधी परिवार से उनकी दूरियां बनी और राजनीति से भी वह दूर हो गए. लेकिन अमर सिंह की बदौलत वह समाजवादी पार्टी के निकट आए. मुलायम सिंह यादव व बच्चन परिवार कई मौकों पर एक-दूसरे के साथ दिखते रहे हैं. मुलायम सिंह यादव और अमिताभ बच्चन के बीच की नजदीकी इतनी बढ़ीं की अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय तक को उत्तर प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ‘यश भारती’ दिया गया. जया बच्चन अभी सपा की ओर से ही राज्यसभा की सांसद हैं.

यूपी की समाजवादी पार्टी में पिता-पुत्र में पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई अखिलेश यादव जीत चुके हैं और अब अखिलेश यादव का अमिताभ बच्चन को यह  सलाह देना कहीं कोई इशारा तो नहीं है. कुछ राजनीतिक लोगों का मानना है कि कहीं अखिलेश यादव इस बयान के जरिए अमिताभ बच्चन को यह इशारा तो नहीं दे रहे हैं कि गुजरात बहुत हो चुका. दो नांव में अब एक साथ सैर नहीं हो सकती है. एक तरफ का रास्ता आगे तय करना होगा.

वैसे अमिताभ बच्चन गुजरात टूरिज्म के विज्ञापन के अलावा उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को बढ़िया बताने वाला विज्ञापन भी कर चुके हैं.  अमिताभ बच्चन गुजरात सरकार के ब्रॉड एंबेसेडर हैं.  और केंद्र में मोदी सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के विज्ञापनों में भी नजर आ रहे हैं.

वैसे 2014 में चुनाव के दौरान एक यूट्यूब वीडियो सार्वजनिक हुआ था जिसमें अमिताभ बच्चन की आवाज में नरेंद्र मोदी की तारीफ का प्रचार था. अमिताभ बच्चन ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी. उन्होंने साफ कहा था कि उन्होंने यह विज्ञापन नहीं किया है. यह विज्ञापन कुछ और था और उनकी आवाज का प्रयोग दूसरे विज्ञापन में गलत तरीके से किया गया. खैर तब गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर नरेंद्र मोदी ने अपने अज्ञात प्रशंसक से ऐसा न करने और माफी मांगने के लिए कहा था. इस विज्ञापन पर भी काफी बवाल हुआ था.

बता दें कि 2015 में जब अखिलेश यादव की सरकार ने यह घोषणा की थी कि यश भारती सम्मान पाने वालों को सालाना 50 हजार पेंशन दिया जाएगा, तो विवाद हुआ था. इस सूची में अमिताभ बच्चन का भी नाम ता. उस वक्त विवाद को शांत करने के लिए अमिताभ ने पेंशन लेने से इनकार कर दिया था. बता दें कि सदी के महानायक की उपाधि से नवाज़े जा चुके अमिताभ बच्चन ने गुजरात के गधा अभयारण्य के लिए एक विज्ञापन किया है. वे इसमें अभयारण्य के बारे में बताते हैं, गधों के बारे में बता रहे हैं और लोगों से वहां जाने, घूमने-फिरने का आग्रह रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि 'क्या आपने कभी गधों के विज्ञापन के बारे में सुना है? गुजरात के लोग गधों का विज्ञापन कर रहे हैं. लेकिन वे मुझ पर सिर्फ़ क़ब्रिस्तान के लिए काम करने का आरोप लगाते हैं.' अखिलेश यादव विज्ञापन के जरिए गुजरात सरकार, पीएम नरेंद्र मोदी और अमिताभ बच्चन तंज करते हैं 'गुजरात के लोग तो गधों का भी प्रचार करते हैं. इसी विज्ञापन में कहा गया है कि अगली बार आपको कोई गधा कहे तो आप बुरा मत मानिएगा. यह शहर वाला गधा नहीं है जो कुछ सोचता रहता है. इसके पास इसके लिए फ़ुर्सत नहीं. यह सर्वगुण संपन्न है.' अखिलेश यादव आगे बोलते हैं कि विज्ञापन में कहा गया है कि किसी को गधा कहना या गधा होना कोई बुरी बात नहीं है. यादव बताते हैं कि ख़ुद गुजरात के लोग यह कह रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिलेश यादव के ‘गुजरात के गधे’ वाले बयान पर पलटवार किया और कहा कि, ‘अब गधे से भी डरने लगे हैं क्या?’ मोदी ने कहा कि ‘बीजेपी पर हमला करो तो समझ सकता हूं लेकिन अखिलेश जी, मैं हैरान हूं कि आपने बेचारे गधे के ऊपर हमला किया. क्या आपको गधे से भी डर लगने लगा है? प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मैं गर्व से गधे से प्रेरणा लेता हूं और देश के लिए गधे की तरह काम करता हूं. सवा सौ करोड़ देशवासी मेरे मालिक हैं. गधा वफादार होता है उसे जो काम दिया जाता है वह पूरा करता है’.

उन्होंने कहा कि ‘समाजवादी पार्टी की जातिवादी मानसिकता अब पशुओं में दिखने लगी है. गधा आपको इतना बुरा लगने लगा. आपकी सरकार तो इतनी दक्ष है कि किसी मंत्री आज़म खां की भैंस खो जाए तो पूरी सरकार खोजने में लग जाती है. यही तो आपकी सरकार की पहचान है, लेकिन अखिलेश जी, आपको पता नहीं है, गधा भी हमें प्रेरणा देता है’.

(राजीव मिश्रा एनडीटीवी खबर में न्यूज़ एडिटर हैं)

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