बिहार की चुनावी जंग में हावी हो रहा आरक्षण का मुद्दा

बिहार की चुनावी जंग में हावी हो रहा आरक्षण का मुद्दा

एक चुनावी सभा में लालू यादव (फाइल फोटो)।

नई दिल्ली:

बिहार के चुनावी जंग में आरक्षण का मुद्दा फिर हावी होता दिख रहा है। गुरूवार को शरद यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि आरएसएस प्रमुख के बयान से आरक्षण के दायरे में आने वाले लोगों में असुरक्षा का माहौल है। उधर बीजेपी ने महागठबंधन पर समाज में जहर फैलाने का आरोप लगा दिया।

शरद यादव ने बीजेपी को घेरा
बिहार चुनाव से पहले जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने गुरुवार को आरक्षण के मसले पर फिर बीजेपी को घेरा। उन्होंने कहा कि या तो वह जाति-व्यवस्था को खत्म करे या फिर आरक्षण खत्म करने की बात न करे। शरद यादव ने कहा, "हिंदुस्तान में यही चुनाव नहीं आने वाले चुनावों में भी यह मुद्दा रहेगा। जाति है तो सामाजिक विषमता है, और जब तक सामाजिक विषमता है यह मुद्दा बराबर बना रहेगा...या फिर आप जातिगत व्यवस्था को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाएं।"

जेटली ने आरक्षण के लिए कटिबद्धता जताई
बीजेपी ने शरद यादव के दावे पर जवाब देने में देरी नहीं की। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पटना में कहा, "आरक्षण इस देश की वास्तविकता है और बीजेपी उसके प्रति कटिबद्ध है।" जेटली ने दावा किया नीतीश कुमार अब तक विकास की राजनीति की बात करते रहे थे लेकिन जब से उन्होंने उन्होंने अपना राजनीतिक साथी बदला है वे आरक्षण के मसले को उठाने लगे हैं।

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भागवत के बयान से परेशान भाजपा
मोहन भागवत ने जब आरक्षण की समीक्षा की बात कही तो बीजेपी ने सबसे पहले इस बयान से पल्ला झाड़ा, लेकिन सामाजिक न्याय की नुमाइंदगी का दावा करने वाले राजनीतिक दलों को मालूम है कि इस दुखती रग को छूकर वे बीजेपी को घेर सकते हैं। दरअसल जाति-आधारित आरक्षण का मुद्दा बिहार की राजनीति को लंबे समय से प्रभावित करता रहा है। इस बार भी नीतीश कुमार और लालू यादव ने अपने चुनावी अभियान की शुरूआत में जाति-आधारित जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की और अब संघ प्रमुख के बयान के बाद जाति-आधारित आरक्षण का मुद्दा फिर चुनावी मुद्दा बनता दिख रहा है।