विज्ञापन

लगातार बढ़ रहा स्टॉक, आखिर भारत का हीरा क्यों हो गया इतना सस्ता?

Diamond price decreased : बजट के ऐलान के बाद हीरे का कारोबार करने वालों को लग रहा है कि एक बार फिर से व्यापार फायदे का सौदा हो जाएगा. हालांकि, आम लोगों के लिए अपने सपनों को पूरा करने का यह सही समय है...

लगातार बढ़ रहा स्टॉक, आखिर भारत का हीरा क्यों हो गया इतना सस्ता?
Diamond price down : हीरे की कीमतें काफी कम हो गई हैं.

हीरा दो प्रकार का बिकता है. एक प्रयोगशाला (लैब) में बनाया हुआ और एक प्राकृतिक मतलब नेचुरल. पिछले दो साल से इन दोनों की कीमतों में गिरावट का दौर जारी है. हीरा आम लोगों की पहुंच की चीज हो गया है. मगर इसके बावजूद इसकी मांग नहीं बढ़ रही और कारोबारियों को घाटा हो रहा है. जुलाई 2022 में प्रयोगशाला में बने हीरे की एक कैरेट की कीमत 300 डॉलर थी, लेकिन इस महीने यह 78 डॉलर प्रति कैरेट तक पहुंच गई है. यह हालत सिर्फ प्रयोगशाला में विकसित हीरे की नहीं है. प्राकृतिक हीरों की कीमतों में भी 25-30 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है. हीरा व्यवसायियों का कहना है कि पिछले दो साल कठिन रहे हैं. हीरे की कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है और हर गुजरते दिन के साथ स्टॉक का मूल्य गिर रहा है. सोने की कीमतों में जरूर बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन अमेरिकी अर्थव्यवस्था और अन्य पश्चिमी देशों में मंदी और चीन के खरीद पैटर्न में अचानक आए बदलाव के कारण इसका भी कोई लाभ कारोबारियों को नहीं मिला है.

दाम कम होने के कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अब हीरे की अधिक आपूर्ति है. छोटे और सस्ते गुणवत्ता वाले दोषपूर्ण प्राकृतिक हीरे अपनी चमक खो चुके हैं. इन्हें लैब में बने दोषरहित हीरों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. उच्च स्तर पर वैश्विक बाजार से मांग धीमी है. एक समय चीन दोषरहित खनन किए गए पत्थरों का बड़ा खरीदार हुआ करता था. अब इसने भी इन हीरों से मुंह मोड़ लिया है और इसमें दिलचस्पी दिखानी बंद कर दी है. चीन अब पहले के मुकाबले मात्र 10% से 15% ही हीरे खरीद रहा है. भारतीय रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के प्रदर्शन आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अप्रैल-मई के दौरान रत्न एवं आभूषणों का कुल सकल निर्यात 4,691.6 मिलियन डॉलर (39,123 करोड़ रुपये) रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 5.9% कम है.

कारोबार करना कितना मुश्किल?

कटे और पॉलिश किए गए हीरों में भी 15.5% की गिरावट देखी गई और यह 2,627 मिलियन डॉलर रह गया. पॉलिश किए गए लैब-ग्रोन हीरों का अनंतिम सकल निर्यात भी 2023 की समान अवधि के 241.6 मिलियन डॉलर के मुकाबले 15.5% गिरकर 204.2 मिलियन डॉलर रह गया. क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा रेट किए गए एक अध्ययन के अनुसार, संकेत है कि खुदरा कीमतों में गिरावट के बीच पॉलिश किए गए हीरों की उच्च इन्वेंट्री पॉलिशर्स के प्रॉफिट को कम कर देगी. हालांकि, अच्छी बात यह है कि सिकुड़ते कारोबार का मतलब है कि कर्ज कम हो गया है, जो हीरा पॉलिश करने वालों के क्रेडिट जोखिम प्रोफाइल पर दबाव के खिलाफ कुछ हद तक भरपाई करेगा.

इस बार के बजट से उम्मीदें 

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बजट के बाद कहा था कि बजट में हीरा कारोबार को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाने की घोषणा की गई है. भारत हीरा कटाई और पॉलिशिंग क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी है, जिसमें बड़ी संख्या में कुशल श्रमिक काम करते हैं. बजट में घोषणा की गई है कि भारत देश में कच्चे हीरे बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सुरक्षित बंदरगाह दरें प्रदान करेगा. इसका हीरा कारोबारियों ने स्वागत किया था और उम्मीद जताई थी इससे हीरे की चमक फिर से लौट आएगी.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
नाम सार्थक, मासिक आय ₹70000, इनकम टैक्स 0 - आप भी जानें तरकीब
लगातार बढ़ रहा स्टॉक, आखिर भारत का हीरा क्यों हो गया इतना सस्ता?
NDTV ने जारी किए Q1 के शानदार नतीजे, राजस्व में साल-दर-साल 34% की बढ़ोतरी
Next Article
NDTV ने जारी किए Q1 के शानदार नतीजे, राजस्व में साल-दर-साल 34% की बढ़ोतरी
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com