केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है, और वित्तवर्ष 2025 के दौरान इसमें 6.5 से 7 फ़ीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है. केंद्रीय बजट 2024 पेश करने से एक दिन पहले सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2024-25 में 6.5-7 प्रतिशत रहने का अनुमान है..."
आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, भारतीय वित्तीय क्षेत्र का परिदृश्य उज्ज्वल है, और सामान्य मॉनसून की उम्मीद, आयात कीमतों में नरमी से रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के मुद्रास्फीति अनुमानों को बल मिलता है.
आर्थिक समीक्षा के अनुसार, अनिश्चित वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद घरेलू वृद्धि चालकों ने वित्तवर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि को समर्थन दिया. इसके अलावा, भू-राजनीतिक तनाव का बढ़ना तथा उसके असर से रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की मौद्रिक नीति का रुख प्रभावित हो सकता है.
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024 पेश कर दिया है. मंगलवार को पेश किए जाने वाले केंद्रीय पूर्ण बजट 2024 से पहले सोमवार को ही आर्थिक सर्वेक्षण को दोपहर 2 बजे राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
गौरतलब है कि आम चुनाव 2024 से पहले इसी साल 1 फरवरी को पेश किया गया आम बजट अंतरिम बजट था, इसलिए उस वक्त आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत नहीं किया गया था, सो, इसे अब पेश किया गया है.
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण...?
हर वर्ष केंद्र सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है, जिसे वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा तैयार किया जाता है. इसे देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है. सर्वे के तैयार हो जाने के बाद वित्त सचिव इसकी जांच करते हैं, तथा उसके बाद वित्तमंत्री से अंतिम स्वीकृति ली जाती है.
केंद्र सरकार द्वारा बजट से पहले पेश किया जाने वाला आर्थिक सर्वेक्षण अहम दस्तावेज होता है. इसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था के हालात और बीते वित्तवर्ष के दौरान रहे आर्थिक संकेतकों की जानकारी देना होता है. इसी सर्वेक्षण में मौजूदा वर्ष के आर्थिक पूर्वानुमान भी पेश किए जाते हैं.
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