मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 2022-23 में सालाना आधार पर रोजगार के अवसर 7.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. ताजा सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के द्वारा जारी डेटा के मुताबिक, देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वित्त वर्ष 2022-23 में रोजगार बढ़कर 1.84 करोड़ हो गया है, जो कि 2021-22 में 1.72 करोड़ पर था.
वित्त वर्ष 2022-23 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 55 प्रतिशत रोजगार के अवसर तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में थे.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के इनपुट में 24.4% और आउटपुट में 21.5% की वृद्धि
अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक के इंडस्ट्रीज के वार्षिक सर्वे (एएसआई) के मुताबिक, इंडस्ट्रीयल आउटपुट में पिछले साल के मुकाबले 21 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली.आंकड़ों के मुताबिक, ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में 7.3 प्रतिशत बढ़ा है.सर्वे के मुताबिक, 2022-23 में 2021-22 के मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इनपुट 24.4 प्रतिशत बढ़ा है. वहीं, इस दौरान आउटपुट में 21.5 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है.
2022-23 में धातु, पेट्रोलियम, खाद्य उत्पाद, केमिकल और केमिकल उत्पाद और मोटर वाहन इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है.समीक्षा अवधि में सेक्टर के कुल आउटपुट में इन इंडस्ट्री का योगदान 58 प्रतिशत था. इनके आउटपुट में 24.5 प्रतिशत और जीवीए में सालाना आधार पर 2.6 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है.
ग्रॉस वैल्यू एडेड में महाराष्ट्र पूरे भारत में शीर्ष पर
एएसआई के आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में काम करने वाले लोगों की संख्या महामारी के पहले (2018-19) के आंकड़े से 22.14 लाख अधिक हो गई है.2022-23 में जीवीए में महाराष्ट्र पूरे भारत में शीर्ष पर रहा है. इसके बाद गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का नाम है.
वित्त वर्ष 23 में ज्यादातर आर्थिक आंकड़ों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि दर्ज की गई है. इसमें निवेशित पूंजी, इनपुट, आउटपुट, जीवीए और रोजगार शामिल हैं.
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