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जेनसोल इंजीनियरिंग का शेयर 95% से अधिक टूटा, निवेशकों के 4,000 करोड़ डूबे,सेबी ने खोला फ्रॉड का पूरा खेल

Jensol Engineering Stock Crash: फिलहाल जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर में भारी गिरावट जारी है, और जब तक कानूनी जांच पूरी नहीं होती, तब तक इसमें स्थिरता की उम्मीद कम ही है.

जेनसोल इंजीनियरिंग का शेयर 95% से अधिक टूटा, निवेशकों के 4,000 करोड़ डूबे,सेबी ने खोला फ्रॉड का पूरा खेल
Jensol Engineering Share Crash: बुधवार को एनएसई पर यह शेयर सिर्फ 51.42 रुपये पर बंद हुआ,
नई दिल्ली:

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड की खबर किसी बड़े झटके से कम नहीं है. कंपनी का शेयर 95 प्रतिशत से भी ज्यादा गिर चुका है और इससे निवेशकों के करीब 4,000 करोड़ रुपये डूब गए हैं. बुधवार को एनएसई पर यह शेयर सिर्फ 51.42 रुपये पर बंद हुआ, जो इसके ऑल-टाइम हाई से लगभग पूरी तरह साफ हो चुका है.

सेबी की जांच में खुला फ्रॉड, शेयर क्यों गिरा?

इस भारी गिरावट की शुरुआत तब हुई जब मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने 15 अप्रैल को कंपनी के प्रमोटर्स पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए. सेबी की जांच में पता चला कि जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने कंपनी के फंड का गलत इस्तेमाल किया है.

सेबी के मुताबिक, इन लोगों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के नाम पर लिया गया लोन गुरुग्राम के DLF  के 'द कैमेलियास' जैसी लग्जरी प्रॉपर्टी खरीदने में खर्च किया. यह पैसा ब्लूस्मार्ट कैब सर्विस के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने के मकसद से लिया गया था, लेकिन उसे निजी फायदे के लिए कई कंपनियों के जरिए डायवर्ट कर दिया गया.

परिवार को भेजा पैसा, खरीदी लग्जरी चीजें

सेबी की रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी ने कंपनी के पैसे को अपने परिवार को ट्रांसफर किया. उन्होंने अपनी मां को 6.2 करोड़ रुपये और पत्नी को 2.98 करोड़ रुपये भेजे. इसके अलावा उन्होंने कंपनी के फंड से गोल्फ किट पर 26 लाख, टाइटन ब्रांड की शॉपिंग पर 17 लाख और स्पा सेशन पर 10 लाख से ज्यादा रुपये खर्च किए.

सरकारी कंपनियों से भी लिया गया था बड़ा लोन

जांच में यह भी सामने आया कि जेनसोल इंजीनियरिंग ने 2021 से 2024 के बीच सरकारी कंपनियों IREDA और PFC से कुल 978 करोड़ रुपये का लोन लिया था. लेकिन इस पैसे का इस्तेमाल कंपनी के प्रोजेक्ट्स के बजाय निजी खरीदारी में किया गया.

पीएफसी की चेयरपर्सन ने कहा- यह फ्रॉड है

सरकारी कंपनी PFC की चेयरपर्सन परमिंदर चोपड़ा ने भी इस मामले पर बयान दिया है. उन्होंने साफ कहा है कि कंपनी ने जो लोन दिया था, उसका गलत इस्तेमाल हुआ है और यह पूरी तरह से एक फ्रॉड केस है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह एक प्रमोटर-विशेष मामला है और इससे पूरे सेक्टर की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

निवेशकों को सबक: बिना रिसर्च के निवेश न करें

इस घटना से एक बात फिर साफ हो गई है कि किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ और मैनेजमेंट की हर डिटेल्स को समझना जरूरी है. सिर्फ जोश में आकर या सोशल मीडिया की बातों पर भरोसा करके  शेयरों में पैसा लगाना भारी नुकसान का कारण बन सकता है.

फिलहाल जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर में भारी गिरावट जारी है, और जब तक कानूनी जांच पूरी नहीं होती, तब तक इसमें स्थिरता की उम्मीद कम ही है. अगर आपने भी इस कंपनी में निवेश किया है, तो सतर्क रहें और किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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