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This Article is From Feb 02, 2024

अंतरिम बजट राजकोषीय घाटे को कम करने के लक्ष्यों पर सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक: मूडीज

निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद एक प्रेस कॉफ्रेंस में रेटिंग एजेंसियों को अपना मैसेज देते हुए कहा कि रेटिंग एजेंसियों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि हम न केवल राजकोषीय सशक्तीकरण रोडमैप पर चल रहे हैं बल्कि उसे बेहतर भी कर रहे हैं.

अंतरिम बजट राजकोषीय घाटे को कम करने के लक्ष्यों पर सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक: मूडीज
Fiscal Deficit: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि भारत ने राजकोषीय घाटा कम करने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को बेहतर किया है.
नई दिल्ली:

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि 2024-25 का अंतरिम बजट राजकोषीय समेकन लक्ष्यों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्रिश्चियन डी गुजमैन ने कहा कि सरकार ने इस साल आम चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर तोहफे न देकर या विवेकाधीन खर्च नहीं बढ़ाकर राजकोषीय संयम का रास्ता अपनाया. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का अनुमान है कि नियोजित बुनियादी ढांचे के खर्च में बढ़ोतरी के बावजूद, सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले खर्च में कमी से राजकोषीय घाटे में कमी आएगी.''

गुजमैन ने कहा कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल और जलवायु संबंधी झटकों की आशंका को देखते हुए कई ऐसे खर्च सामने आ सकते हैं, जिन्हें बजट में शामिल नहीं किया गया है. यदि ऐसा हुआ तो घाटे के लक्ष्य को पूरा करने की सरकार की क्षमता सीमित हो सकती है.

राजकोषीय घाटा कम करने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को  किया बेहतर: सीतारमण
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि भारत ने राजकोषीय घाटा कम करने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को बेहतर किया है. सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे को कम कर 5.1 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है जबकि चालू वित्त वर्ष के लिए यह 5.8 प्रतिशत से कम है.राजकोषीय सशक्तीकरण की रूपरेखा के मुताबिक, सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य तय किया गया है.

एजेंसियां राजकोषीय घाटा कम करने के हमारे प्रयासों को ध्यान में रखेंः वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद एक प्रेस कॉफ्रेंस में रेटिंग एजेंसियों को अपना मैसेज देते हुए कहा, ‘‘रेटिंग एजेंसियों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि हम न केवल राजकोषीय सशक्तीकरण रोडमैप पर चल रहे हैं बल्कि उसे बेहतर भी कर रहे हैं. इस सरल, सीधे संदेश को हर रेटिंग एजेंसी को समझना चाहिए. टैक्स कलेक्शनमें सुधार के अलावा बैंकों और वित्तीय संस्थानों से सरकार को मिलने वाला लाभांश बढ़ने से राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी.''

रेटिंग एजेंसियों ने भारत के लिए सबसे कम इन्वेस्टेबल रेटिंग दी
वैश्विक रेटिंग एजेंसियों-फिच, एसएंडपी और मूडीज ने भारत को स्टेबल आउटलुक के साथ सबसे कम इन्वेस्टेबल रेटिंग दी हुई है. निवेशक इस रेटिंग को देश की साख और कंपनियों की उधारी पर असर के पैमाने के रूप में देखते हैं.

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