
भारत ने हाल ही में किए गए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTA) में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. देश ने पहली बार ऐसे समझौते किए हैं, जिनमें सीधे-सीधे निवेश और रोजगार की कानूनी गारंटी ली गई है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने NDTV GST Conclave में बताया कि भारत ने 7 देशों के साथ समझौते करते समय उनसे 100 बिलियन डॉलर के निवेश और 10 लाख रोजगार का वादा लिया है.
भारत की सबसे बड़ी ताकत,140 करोड़ लोगों का बाजार
पीयूष गोयल ने कहा कि इन देशों को भारत का सबसे बड़ा आकर्षण यहां की विशाल आबादी और बाजार है. 140 करोड़ लोगों का देश, जिसमें करोड़ों उपभोक्ता और युवा हैं, निवेशकों के लिए दुनिया का सबसे कंपल्सिव डेस्टिनेशन है. उन्होंने साफ कहा कि "मेरे पास 140 करोड़ देशवासी हैं और इतनी डिमांड है, आप निवेश करने आएंगे ही."
किन देशों से हुआ करार?
भारत ने अब तक मॉरीशस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया और EFTA (स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, लिकटेंस्टीन और आइसलैंड) देशों के साथ FTA पूरे किए हैं. इन देशों के पास टेक्नोलॉजी और निवेश की क्षमता है, जबकि भारत के पास सबसे बड़ा मार्केट और डिमांड है. यही बैलेंस इन समझौतों को और मजबूत बनाता है.
पहली बार कानूनी गारंटी वाला FTA
पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा कि यह पहली बार है जब किसी FTA में निवेश और रोजगार का लीगल कमिटमेंट शामिल किया गया है. अगर वादे पूरे नहीं होते, तो भारत को अधिकार है कि वह अपने दिए गए टैरिफ कंसेशन वापस ले ले. उन्होंने कहा कि यह मॉडल आने वाले FTA में भी अपनाया जाएगा.
500 बिलियन डॉलर तक का असर
पीयूष गोयल का मानना है कि यह 100 बिलियन डॉलर का निवेश केवल शुरुआत है. इसके साथ जुड़े इकोसिस्टम से 500 बिलियन डॉलर तक का बड़ा आर्थिक असर देखने को मिलेगा. इसमें होटल, ट्रांसपोर्ट, छोटे-बड़े बिजनेस और लाखों अप्रत्यक्ष रोजगार शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि 10 लाख डायरेक्ट जॉब्स के साथ 50 लाख से ज्यादा इंडायरेक्ट रोजगार भी पैदा होंगे.
UPA के FTA से तुलना
वाणिज्य मंत्री ने यूपीए सरकार के समय हुए FTA की तुलना में मौजूदा डील्स को ज्यादा मजबूत बताया. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने भारत का बाजार ज्यादा खोला और बदले में दूसरे देशों से कम फायदे लिए. लेकिन अब हर समझौते में भारत के हितों को सबसे ऊपर रखा जा रहा है.
भारत की भविष्य की ताकत
भारत की इकॉनमी इस समय 4 ट्रिलियन डॉलर की है और अगले 20-25 साल में 30-35 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. यही कारण है कि विदेशी निवेशक भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहते हैं. नॉर्वे का पेंशन फंड पहले ही भारतीय स्टॉक मार्केट में 50 बिलियन डॉलर निवेश कर चुका है और आगे और निवेश की तैयारी में है.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत और अमेरिका के बीच भी FTA की संभावनाएं हैं. भारत की पोजीशन अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है और देश को ग्लोबल ट्रेड डील्स में सम्मान मिल रहा है.
भारत ने 7 देशों से जो नए FTA किए हैं, उनमें सिर्फ ट्रेड ही नहीं बल्कि रोजगार और निवेश की गारंटी भी ली है. यह कदम भारत को दुनिया की सबसे आकर्षक निवेश मंजिल बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है.
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