
India Economic Growth: ट्रंप सरकार की नई टैरिफ घोषणाओं और बढ़ते ट्रेड टेंशन के बीच इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने ताजा ग्लोबल आउटलुक जारी किया है. IMF का कहना है कि भले ही ग्लोबल अनिश्चितता बढ़ी है, लेकिन भारत की जीडीपी ग्रोथ 2025 में 6.2% और 2026 में 6.3% रहने की उम्मीद है. ये आंकड़ा दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थासे बेहतर है.
ग्लोबल ग्रोथ रेट घटाया, भारत पर भरोसा बरकरार
22 अप्रैल को वॉशिंगटन में जारी अप्रैल 2025 वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, IMF ने इस साल के लिए ग्लोबल ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर 2.8% कर दिया है. जनवरी में ये 3.3% था. 2026 के लिए भी IMF ने ग्लोबल ग्रोथ रेट घटाकर 3% कर दिया है. ये कटौती अमेरिका की तरफ से बड़े टैरिफ लागू करने और बढ़ते ट्रेड टेंशन के कारण हुई है.
भारत की ग्रोथ के पीछे कौन से फैक्टर हैं?
IMF ने बताया है कि भारत की ग्रोथ को ग्रामीण इलाकों में बढ़ती प्राइवेट कंजम्पशन यानी निजी खपत से सपोर्ट मिल रहा है. इसके चलते भारत ग्लोबल स्लोडाउन के बावजूद मजबूती से आगे बढ़ता रहेगा. IMF ने जनवरी में भारत की ग्रोथ रेट 6.5% रहने का अनुमान जताया था, जिसे अब थोड़ा घटाकर 6.2% किया गया है.
दूसरे देशों की तुलना में भारत काफी बेहतर
वहीं चीन की ग्रोथ रेट 2025 में घटकर 4.0% और 2026 में 4.6% रहने का अनुमान है. अमेरिका की इकोनॉमी पर भी टैरिफ का असर पड़ेगा और वहां 2025 में ग्रोथ रेट 1.8% और 2026 में 1.7% रह सकता है. यानी भारत इन देशों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में है.
ग्लोबल ट्रेड पर भी असर
IMF ने यह भी कहा है कि 2025 में ग्लोबल ट्रेड ग्रोथ सिर्फ 1.7% रह सकती है, जो पहले के अनुमान से 1.5% कम है. इसका मतलब है कि इंटरनेशनल लेवल पर कारोबार की रफ्तार सुस्त पड़ने वाली है.
RBI ने भी अनुमान में की मामूली कटौती
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी 2025-26 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5% लगाया है, जो फरवरी के अनुमान से 0.20% कम है. इसकी वजह भी ग्लोबल अनिश्चितताएं और टैरिफ वॉर ही मानी जा रही है.
भले दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था टैरिफ और ट्रेड टेंशन से जूझ रही हैं, लेकिन भारत की इकोनॉमी ने एक बार फिर मजबूती दिखाई है. IMF और RBI दोनों ने भारत के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई है. यह भरोसा दर्शाता है कि भारत घरेलू डिमांड और पॉलिसी सपोर्ट के दम पर ग्लोबल स्लोडाउन से निकलने में सक्षम है.
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