विज्ञापन

हिंडनबर्ग गैर-जिम्मेदार कंपनी, ये सिर्फ देखती है अपना फायदा- पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी

भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए इसे भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की सुनियोजित साजिश करार दिया है.

नई दिल्ली:

हिंडनबर्ग जैसी रिपोर्ट पहले भी आई थी. उस रिपोर्ट की तहकीकात हुई. मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया. सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी एंगल देखें. उसमें कुछ भी ऐसा नहीं मिला, जो गलत हो. हिंडनबर्ग बिल्कुल एक गैर-जिम्मेदार कंपनी है. इस कंपनी का मकसद सिर्फ और सिर्फ अपना फायदा करना है. सिवाय इसके इनका कोई और इंटरेस्ट नहीं है. 

बड़ी बात ये है कि हिंडनबर्ग कोई रजिस्टर्ड कंपनी नहीं है. कंपनी का ये मकसद नहीं है कि स्टॉक एक्सचेंज की डीलिंग को ठीक किया जाए. इस कंपनी का मकसद सिर्फ पैसा बनाना है. इंडियन मार्केट में अस्थिरता क्रिएट किया जाए. रिपोर्ट इसलिए आई, ताकि नफाखोरी का खेल चलाया जा सके. इसलिए मेरे हिसाब से इसे तवज्जो नहीं देना चाहिए.

हिंडनबर्ग कंपनी रजिस्टर्ड ही नहीं, उसकी बातों को क्या तूल देना- KRCSS के MD देवेंद्र चौकसे

 

हिंडनबर्ग ने पहले भी एक ग्रुप को टार्गेट किया था. दूसरी बार उसी कंपनी को निशाना बना रहे हैं. अब तो SEBI के चीफ का नाम भी इसमें घुसा दिया गया है. ताकि उनकी कोई क्रेडिबिलिटी न रहे. मेरे हिसाब से ये सब बेकार की बातें हैं. आखिरकार इन्हें तूल देने से मार्केट में उतार-चढ़ाव आते हैं और निवेशकों को ही इसका नुकसान होता है. इसलिए हिंडनबर्ग जैसी रिपोर्ट को तूल ही नहीं देना चाहिए.

एक बात विपक्ष के लिए भी है. विपक्ष इसे उछालकर सरकार के खिलाफ मुद्दा बना रही है. सरकार पर हमले के लिए ही JPC जांच की मांग की जा रही है. मेरे ख्याल से ये बिल्कुल अच्छी प्रैक्टिस नहीं है.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट को बड़ी साजिश बता BJP ने कांग्रेस को घेरा, रविशंकर बोले- टूलकिट वालों को हिंदुस्‍तान से मतलब नहीं

इस मामले में दोबारा सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए वहां के दरवाजे खुले हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ये पूछेगी कि इस केस में क्या कोई गुंजाइश है. कोई आधार है, जिसपर केस बनता हो. सारी दुनिया में रिपोर्टें आ रही हैं. लांछन लगाए जा रहे हैं. इसका मतलब ये कतई नहीं है कि एक ही मामले को दूसरी बार, तीसरी बार या चौथी बार देखा जाए.

इस मामले में दूसरा साइड भी देखना चाहिए. एक कंपनी का नाम खराब हो रहा है. SEBI के चीफ का नाम खराब हो रहा है. मामले में कोई ठोस आधार हो, तभी जांच होनी चाहिए. बेवजह मामले को तूल नहीं दिया जाना चाहिए.     

(मुकुल रोहतगी जाने-माने वकील हैं. वो भारत के 12वें अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं.)

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com