
आज यानी 3 सितंबर से जीएसटी परिषद (GST Council meeting) की दो दिन की बैठक शुरू हो रही है और इस बार आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ने वाला है. किराना सामान से लेकर कार और इलेक्ट्रिक व्हीकल तक, कई चीजों पर टैक्स कम करने का प्रस्ताव है.
इस बैठक में क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं और इससे आपकी रोजमर्रा की जिंदगी कैसे बदल सकती है, आइए आपको बताते हैं....
रोजमर्रा के सामान होंगे सस्ते
जीएसटी परिषद 150 से ज्यादा प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम करने पर फैसला कर सकती है. सरकार चाहती है कि 12% और 18% वाले प्रोडक्ट्स को 5% या 0% स्लैब में लाया जाए. इसमें घी, मक्खन, पनीर, ब्रेड, रोटी, पराठा, खाखरा, चपाती, नमकीन, मशरूम और खजूर जैसे आइटम शामिल हैं.
फेस्टिव सीजन से पहले सस्ती शॉपिंग
पराठा जैसे रेडी-टू-ईट फूड पर भी जीएसटी छूट देने पर विचार किया जा रहा है, जिन पर वर्तमान में 18 प्रतिशत कर लगता है. मिठाई, पैकेज्ड स्नैक्स, चॉकलेट, पेस्ट्री, आइसक्रीम और सीरियल फ्लेक्स पर भी जीएसटी 18% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है. इन बदलावों से फेस्टिव सीजन से पहले शॉपिंग और सस्ती हो सकती है.
घी और डेयरी प्रोडक्ट्स पर सबसे बड़ा असर
हेरिटेज फूड्स के सीईओ श्रीदीप नायर केसवन के मुताबिक, इस जीएसटी रिवीजन से सबसे ज्यादा फायदा घी, बटर और चीज जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स को मिलने की उम्मीद है. अभी ऑर्गनाइज्ड ट्रेड का साइज करीब 65,000 करोड़ रुपये है, जिसमें अकेले घी का हिस्सा 25,000 करोड़ रुपये तक है. घी एक आम घरेलू जरूरत का आइटम है, लेकिन फिलहाल इसकी कीमत करीब 700 रुपये लीटर तक है. यही वजह है कि लोग सस्ते ऑप्शन या इम्पोर्टेड ऑयल की तरफ शिफ्ट हो जाते हैं. अगर जीएसटी दरें घटती हैं तो घी की कीमतें नीचे आ सकती हैं और इससे इसकी खपत बढ़ेगी.
श्रीदीप नायर केसवन का कहना है कि, घी की खपत बढ़ने का मतलब है कि दूसरे महंगे या इम्पोर्टेड कुकिंग ऑयल की मांग कम होगी. इससे घरेलू प्रोडक्शन को भी फायदा होगा और इम्पोर्ट पर निर्भरता घटेगी.
बच्चों और पढ़ाई से जुड़े सामान पर राहत
स्कूल से जुड़ी चीजें जैसे मैप, ग्लोब, पेंसिल शार्पनर, कॉपी और लैब नोटबुक पर जीएसटी को 12% से घटाकर 0% करने का प्रस्ताव है. इससे अभिभावकों और छात्रों की जेब पर बोझ कम होगा.
गाड़ियां भी हो सकती हैं किफायती
जीएसटी परिषद पैसेंजर व्हीकल और दोपहिया वाहनों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% करने पर विचार कर रही है. इसका सीधा फायदा मिडिल क्लास फैमिली को मिलेगा, क्योंकि दिवाली से पहले कार और बाइक खरीदना सस्ता हो सकता है.
इलेक्ट्रिक कारों पर बढ़ सकता है टैक्स
जहां आम गाड़ियों पर राहत मिल सकती है, वहीं महंगी और लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव है. 20 लाख से 40 लाख रुपये तक की ई-कारों पर जीएसटी 5% से बढ़ाकर 18% करने की बात चल रही है. 40 लाख से ज्यादा कीमत वाली ई-कारों पर 28% टैक्स लगाने का सुझाव दिया गया है.
इससे टेस्ला, बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज और बीवाईडी जैसी कंपनियों को झटका लग सकता है. फिलहाल टाटा और महिंद्रा 20 लाख से कम की ई-कार बेच रही हैं, इसलिए उन पर असर कम होगा.
टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव
सरकार रेट स्ट्रक्चर में बदलाव की योजना बना रही है, जिसमें मौजूदा 4-रेट स्ट्रक्चर को 2-रेट स्ट्रक्चर से बदला जाएगा.सरकार मौजूदा 4 टैक्स स्लैब को घटाकर सिर्फ 2 स्लैब (5% और 18%) करना चाहती है. इसके अलावा कुछ चीजों जैसे लक्जरी कार, एसयूवी और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर 40% की स्पेशल टैक्स दर लगाई जा सकती है.
छोटे कारोबारियों और स्टार्टअप्स को फायदा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जीएसटी 2.0 से सिस्टम ज्यादा पारदर्शी होगा और कारोबारियों का अनुपालन बोझ घटेगा. छोटे कारोबार और स्टार्टअप्स के लिए बिजनेस करना आसान होगा.
कब लागू होंगे नए रेट
अगर परिषद से मंजूरी मिलती है तो नए जीएसटी रेट 22 सितंबर तक लागू किए जा सकते हैं. मतलब दिवाली से पहले घर का बजट हल्का हो सकता है.यह जीएसटी मीटिंग सिर्फ टैक्स रेट तय नहीं करेगी, बल्कि आने वाले महीनों में आपकी बचत, खर्च और शॉपिंग हैबिट्स को भी बदल सकती है.
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