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Budget 2022: प्रणय रॉय से उद्योग जगत ने बताया केंद्रीय बजट से क्या है उम्मीदें : पांच अहम बातें

एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. कोरोना काल में उनसे बजट में बड़ी राहत मिलने की लोगों को उम्मीद है. इसी सिलसिले में NDTV के प्रणय रॉय के साथ एक साक्षात्कार में उद्योग जगत के नामी लोगों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वे इस साल के केंद्रीय बजट से COVID-19 महामारी और अर्थव्यवस्था और इसके प्रभाव के बीच क्या उम्मीद कर रहे हैं?

एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी.

नई दिल्ली:

एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. कोरोना काल में उनसे बजट में बड़ी राहत मिलने की लोगों को उम्मीद है. इसी सिलसिले में NDTV के प्रणय रॉय के साथ एक साक्षात्कार में उद्योग जगत के नामी लोगों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वे इस साल के केंद्रीय बजट से COVID-19 महामारी और अर्थव्यवस्था और इसके प्रभाव के बीच क्या उम्मीद कर रहे हैं?

  1. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष टीवी नरेंद्रन ने कहा कि भारत को बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से चिकित्सा बुनियादी ढांचे में निवेश करना जारी रखना चाहिए. नरेंद्रन ने कहा कि सरकार को ऐसी योजानओं की घोषणा करनी चाहिए जिससे समाज के सबसे कम आय वर्ग के लोगों की खपत (Consumption) बढ़ सके. उने कहा कि सामाजिक-आर्थिक पक्ष, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और नौकरी की सुरक्षा पर मजबूत नीतियां होनी चाहिए.
  2. CII के मनोनीत अध्यक्ष संजीव बजाज ने कहा कि उद्योग जगत विनिवेश कार्यक्रम को जारी रखना चाहता है. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की बिक्री मौजूदा सरकार की विनिवेश की प्रतिबद्धता पर मुहर लगाती है.
  3. हालांकि, बजाज ने कहा कि उद्योग जगत किसी भी तरह के "undesirable taxes" और "knee-jerk interest rates"से बचना चाहता है. उनके सीआईआई सहयोगी नरेंद्रन ने कहा कि सरकार को टैक्स की अधिक परतें नहीं जोड़नी चाहिए और पूर्वव्यापी करों जैसे नीतिगत फ्लिप-फ्लॉप से ​​बचना चाहिए.
  4. CII के पूर्व प्रमुख विक्रम किर्लोस्कर ने कहा कि उद्योग को ऑटो क्षेत्र में और निवेश की उम्मीद है. उन्होंने कहा, "हमने ऑटो सेक्टर में बहुत कुछ नहीं देखा है." र्लोस्कर ने कहा कि सरकार को प्रवेश स्तर पर वाहनों की मांग को बढ़ावा देने के लिए और नेट ज़ीरो और स्थिरता लक्ष्यों (sustainability goals) को आगे बढ़ाने के लिए एक रास्ता खोजने की जरूरत है.
  5. CII के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि वह एक बेहतर ग्रामीण मांग देखना चाहते हैं, जिसके लिए सरकार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, या मनरेगा जैसी योजनाओं के समर्थन को कम नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मौजूदा  समय में कोई भी नीति व्यावसायिक भावनाओं को आहत करने वाली नहीं होनी चाहिए.

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