केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर सीपीएम ने नाखुशी जाहिर की है और उद्योग जगत भी इससे खुश नहीं हुआ. सीपीएम ने कहा है कि सरकार किसानों को भीख की कटोरी क्यों पकड़ा रही है? एसोचैम ने कहा है कि कार्पोरेट टेक्स से राहत की उम्मीद थी जो पूरी नहीं हुई.
सीपीएम के सांसद मोहम्मद सलीम ने NDTV से कहा कि किसानों के लिए 6000 रुपये के वार्षिक डायरेक्ट इनकम सपोर्ट का मतलब है सिर्फ 500 रुपये महिना. सरकार किसानों को भीख की कटोरी क्यों पकड़ा रही है? ये उन्होंने कहा कि यह एक जुमला है. सरकार ने इस बार आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश नहीं किया. आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता कि अर्थव्यवस्था की हालत क्या है?
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सलीम ने कहा कि सौ स्मार्ट सिटी बना नहीं पाए और अब एक लाख डिजिटल विलेज बनाने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नीति आयोग डेटा छुपा रहा है. पिछले साल एक करोड़ 10 लाख लोग बेरोजगार हो गए.
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एसोचेम के अध्यक्ष बीके गोयनका ने NDTV से कहा कि अगर आप सीधे सवाल मुझसे पूछें कि स्माल, मीडियम इंटरप्राइजेस और कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए बजट 2019 में क्या है तो मेरा जवाब होगा नो... हमें उम्मीद थी कि कॉर्पोरेट टैक्स में राहत मिलेगी लेकिन कोई राहत नहीं है.
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