स्लोडाउन से जूझते ट्रांसपोर्ट सेक्टर की मांग, जीएसटी रेट में कटौती की जाए

स्लोडाउन से जूझ रहे मोटर ट्रांसपोर्ट सेक्टर की मांग है कि जीएसटी रेट में कटौती की जाए. साथ ही कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की भी मांग है. छोटे-मझौले उद्योगों को आसान शर्तों पर नया निवेश करने के लिए क्रेडिट देने की भी मांग है. 

स्लोडाउन से जूझते ट्रांसपोर्ट सेक्टर की मांग, जीएसटी रेट में कटौती की जाए

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को बजट पेश करेंगी.

नई दिल्ली :

स्लोडाउन से जूझ रहे मोटर ट्रांसपोर्ट सेक्टर की मांग है कि जीएसटी रेट में कटौती की जाए. साथ ही कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती की भी मांग है. छोटे-मझौले उद्योगों को आसान शर्तों पर नया निवेश करने के लिए क्रेडिट देने की भी मांग है. इस साल के बजट को लेकर हर तरह के उद्योग की अपनी विशलिस्ट है. एनडीटीवी से बातचीत में हीरो इन्टरप्राइज़ेस के प्रमुख सुनील कांत मुंजाल ने कहा कि मोटर ट्रांसपोर्ट सेक्टर में मंदी से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को जीएसटी दरों में कटौती पर विचार करना चाहिए. हर तरह की गाड़ियों की घटती बिक्री और बढ़ती इन्वेंट्री के संकट से मोटर ट्रांसपोर्ट सेक्टर को उबारने के लिए ये एक ज़रूरी पहल हो सकती है.  

Budget 2019: बजट से ठीक पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से मिलीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

सुनील कांत मुंजाल ने कहा, "छोटी अवधि में जीएसटी के रेट घटने से ऑटो सेक्टर में मांग निश्चित बढ़ेगी. लेकिन मध्यम से लेकर लंबी अवधि में सरकार को अपने इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी नीति को तकनीक और वाहन उत्पादन के लिहाज से ऑटो कंपनियों के सामने पैदा होने वाली चुनौतियों के साथ मिलाकर देखना होगा". मंझोले और छोटे उद्योगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री बाज़ार से आसान शर्तों पर क़र्ज़ दिलाने के लिए किसी नई पहल का एलान करेंगी. इसके लिए उन्हें वित्तीय क्षेत्र को संकट से उबारना होगा. उद्योगजगत ने कोर्पोरेट टैक्स रेट में कटौती की भी मांग की है. वहीं  PHDCCI के अध्यक्ष राजीव तलवार ने कहा कि वित्तमंत्री को सबसे पहले बैंकों में लिक्विडिटी क्राइसिस को दूर करने पर काम करना चाहिए. बैंको के पास कर्ज देने के लिए पैसा ही नहीं है. एसएलआर और सीआरआर रेट घटाने होंगे.  

बजट से पहले पीएम मोदी ने बताया किन क्षेत्रों पर हो सरकार का फोकस 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

आपको बता दें कि इस बार  ये मांग भी उठ रही है कि बजट का ख़ास ध्यान उन सेक्टरों पर हो जहां रोज़गार के अवसर ज़्यादा पैदा हो सकें. वीडियोकोन ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के को-ऑनर राज कुमार धूत ने एनडीटीवी से कहा कि पीएम ने कहा है कि 2022 तक सबको घर देंगे, इसके लिए एक करोड़ घर बनाने होंगे. ऐसे में बजट में विशेष प्रावधान करने होंगे. सरकार को इलेक्ट्रानिक्स और कपड़ा सेक्टर पर जीएसटी घटाना चाहिये. अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने की जद्दोजहद में जुटीं वित्त मंत्री निर्मला को सबसे पहले बैंकिंग सेक्टर में लिक्विडिटी संकट से निपटने की तैयारी करनी होगी. उद्योग जगत को उम्मीद है कि वित्त मंत्री अपने बजट में इंडस्ट्री को आसान शर्तों पर क्रेडिट मिले इसके लिए नई पहल का एलान करेंगी. (साक्षी बजाज के इनपुट के साथ)