प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
रियल स्टेट डेवलपर्स ने सरकार से आगामी बजट में आवास क्षेत्र को संकट से निकालने के लिए प्रोत्साहन देने की मांग की है. उनका कहना है कि सरकार को बजट में ऐसे उपाय करना चाहिए जिनसे निजी आवासों की खरीद व स्वामित्व आसान हो. साथ ही पारदर्शिता भी बनी रहे. पैसिफिक मॉल, टैगोर गार्डेन के कार्यकारी निदेशक अभिषेक बंसल ने कहा, "यदि सरकार वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास के अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर है तो आवास क्षेत्र को संकट से उबारने और इसे प्रोत्साहन देने के लिए कारगर कदम उठाना चाहिए."
सैटेलाइट के प्रबंध निदेशक श्रीसृजन पी. शाह ने कहा, "रियल एस्टेट क्षेत्र को उम्मीद है कि एक फरवरी को आने वाले आम बजट 2018-19 से रियल्टी क्षेत्र को संकट से उबरने में मदद मिलेगी. हम रियल एस्टेट उद्योग का दर्जा देने की मांग करते हैं, जिससे दीर्घकालीन और अल्पकालीन वित्त पोषण के लिए धन आसानी से उपलब्ध हो सके. उद्योग की इस खुराक से यह क्षेत्र बेहतर ब्याज दरों पर ऋण की सुविधा उठा सकेगा. प्रतिस्पर्धी वित्तपोषण लागत के साथ यह लाभ ग्राहकों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा."
चिंटेल्स इंडिया के प्रबंध निदेशक और क्रेडाई एनसीआर के कोषाध्यक्ष व क्रेडाई नेशनल की मीडिया एवं पीआर कमेटी के संयोजक प्रशांत सोलोमन ने कहा, "वित्तीय प्रतिभूतियों के संदर्भ में हमारी अपेक्षा है कि रिजर्व बैंक को उधारी दर की नीतियों को प्रत्यक्ष तौर पर लागू करने के लिए ऐसे नियम लाने चाहिए जिससे अंतिम उपभोक्ता लाभान्वित हो सके. "
रियल स्टेट डेवलपर्स ने कहा कि सरकार को रियल स्टेट क्षेत्र के लंबित मुद्दों का समाधान करना चाहिए, जिनमें मंजूरी प्रक्रिया में शीघ्रता लाने के लिए एकल खिड़की प्रणाली का प्रावधान, जीएसटी और कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कमी शामिल हैं.
वल्र्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के महानिदेशक डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा, "हमारे विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय बनाने की जरूरत है. मौजूदा उच्च शिक्षण संस्थानों में फैकल्टी सदस्यों को अपनी योग्यता बढ़ाने की जरूरत है."
शैफलर इंडिया के सीईओ धर्मेश अरोड़ा ने कहा, " हम एक संतुलित बजट की उम्मीद करते हैं,जिससे निवेश के वातावरण का निर्माण हो और उपभोग में वृद्धि हो."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सैटेलाइट के प्रबंध निदेशक श्रीसृजन पी. शाह ने कहा, "रियल एस्टेट क्षेत्र को उम्मीद है कि एक फरवरी को आने वाले आम बजट 2018-19 से रियल्टी क्षेत्र को संकट से उबरने में मदद मिलेगी. हम रियल एस्टेट उद्योग का दर्जा देने की मांग करते हैं, जिससे दीर्घकालीन और अल्पकालीन वित्त पोषण के लिए धन आसानी से उपलब्ध हो सके. उद्योग की इस खुराक से यह क्षेत्र बेहतर ब्याज दरों पर ऋण की सुविधा उठा सकेगा. प्रतिस्पर्धी वित्तपोषण लागत के साथ यह लाभ ग्राहकों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा."
चिंटेल्स इंडिया के प्रबंध निदेशक और क्रेडाई एनसीआर के कोषाध्यक्ष व क्रेडाई नेशनल की मीडिया एवं पीआर कमेटी के संयोजक प्रशांत सोलोमन ने कहा, "वित्तीय प्रतिभूतियों के संदर्भ में हमारी अपेक्षा है कि रिजर्व बैंक को उधारी दर की नीतियों को प्रत्यक्ष तौर पर लागू करने के लिए ऐसे नियम लाने चाहिए जिससे अंतिम उपभोक्ता लाभान्वित हो सके. "
रियल स्टेट डेवलपर्स ने कहा कि सरकार को रियल स्टेट क्षेत्र के लंबित मुद्दों का समाधान करना चाहिए, जिनमें मंजूरी प्रक्रिया में शीघ्रता लाने के लिए एकल खिड़की प्रणाली का प्रावधान, जीएसटी और कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कमी शामिल हैं.
वल्र्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के महानिदेशक डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा, "हमारे विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय बनाने की जरूरत है. मौजूदा उच्च शिक्षण संस्थानों में फैकल्टी सदस्यों को अपनी योग्यता बढ़ाने की जरूरत है."
शैफलर इंडिया के सीईओ धर्मेश अरोड़ा ने कहा, " हम एक संतुलित बजट की उम्मीद करते हैं,जिससे निवेश के वातावरण का निर्माण हो और उपभोग में वृद्धि हो."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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