विज्ञापन
This Article is From Jan 10, 2018

मोदी सरकार इस बजट में मध्यम वर्ग को दे सकती है राहत

मोदी सरकार के अगले बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिल सकती है. वर्ष 2018-19 के आगामी आम बजट में सरकार कर छूट सीमा बढ़ाने के साथ साथ कर स्लैब में भी बदलाव कर सकती है.

मोदी सरकार इस बजट में मध्यम वर्ग को दे सकती है राहत
मोदी सरकार इस बजट में मध्यम वर्ग को दे सकती है राहत (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: मोदी सरकार के अगले बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिल सकती है. वर्ष 2018-19 के आगामी आम बजट में सरकार कर छूट सीमा बढ़ाने के साथ साथ कर स्लैब में भी बदलाव कर सकती है.

क्या इस बार बजट में होने जा रही है कोई बड़ी घोषणा, पीएम मोदी खुद कर रहे हैं अधिकारियों के साथ बैठक

सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय के समक्ष व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने का प्रस्ताव है. हालांकि, छूट सीमा को पांच लाख रुपये तक बढ़ाने की समय समय पर मांग उठती रही है.

वर्ष 2018-19 का आम बजट मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होगा. इस बजट में सरकार मध्यम वर्ग को, जिसमें ज्यादातर वेतनभोगी तबका आता है, बड़ी राहत देने पर सक्रियता के साथ विचार कर रही है. सरकार का इरादा है कि इस वर्ग को खुदरा मुद्रास्फीति के प्रभाव से राहत दी मिलनी चाहिये. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले बजट में आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन छोटे करदाताओं को राहत देते हुये सबसे निचले स्लैब में आयकर की दर 10 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी थी. सबसे निचले स्लैब में ढाई लाख से लेकर पांच लाख रुपये सालाना कमाई करने वाला वर्ग आता है.

सरकार ने जारी किया आंकड़ा, 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ घटकर 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद

टैक्‍स स्‍लैब में हो सकता है बदलाव
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री एक फरवरी को पेश होने वाले आगामी बजट में कर स्लैब में व्यापक बदलाव कर सकते हैं. पांच से दस लाख रुपये की सालाना आय को दस प्रतिशत कर दायरे में लाया जा सकता है जबकि 10 से 20 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और 20 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जायेगा. वर्तमान में ढाई से पांच लाख की आय पर पांच प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपये पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर देय है.

कच्चे तेल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर! 2015 के बाद सबसे महंगा हुआ

उद्योग जगत को सरकार दे सकती है राहत 
उद्योग मंडल सीआईआई ने अपने बजट-पूर्व ज्ञापन में कहा है, ‘‘मुद्रास्फीति की वजह से जीवनयापन लागत में काफी वृद्धि हुई है। ऐसे में निम्न आय वर्ग को राहत पहुंचाने के लिये आयकर छूट सीमा बढ़ाने के साथ साथ अन्य स्लैब का फासला भी बढ़ाया जाना चाहिये.’’ उद्योग जगत ने कंपनियों के लिये कंपनी कर की दर को भी 25 प्रतिशत करने की मांग की है. हालांकि, सरकार पर राजकोषीय दबाव को देखते हुये उसके लिये इस मांग को पूरा करना मुश्किल लगता है. माल एवं सेवाकर लागू होने के बाद सरकार की अप्रत्यक्ष कर वसूली पर दबाव बढ़ा है.

VIDEO: भविष्य बिगाड़ने का राष्ट्रीय प्रोजेक्ट चल रहा है भारत में

इस साल के बजट में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.2 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिये पिछले दिनों ही बाजार से 50,000 रुपये का अतिरिक्त उधार उठाया है.(इनपुट भाषा से)

 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com