वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पीएम मोदी के 'न्यू इंडिया का बजट' पेश किया. अपने बजट भाषण में वे किसान, गरीब, युवा, गृहणी, उद्यमी सबों को खुश करते नजर आए. वित्तमंत्री जेटली ने किसानों को लागत मूल्य से 50 फीसदी ज्यादा देने की घोषणा की है. पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि वर्ष 2022 तक हम किसानों की आमदनी को दूना कर देंगे.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वर्ष 2022 तक देश के हरेक गरीब के पास अपना घर होगा. उन्होंने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को होम लोन में भी राहत देने की घोषणा की है. वित्तमंत्री ने कहा कि खेती का बाजार मजबूत करने के लिए 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वित्तमंत्री जेटली किसानों के लिए कर्ज की राशि 11 लाख करोड़ करने की घोषणा की है. कृषि सिंचाई योजना के लिए 2600 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है.
देश का हरेक गरीब 5 लाख तक का कैश मेडिकल सुविधा का लाभ उठा सकता है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की है. इससे देश के 40 फीसदी लोगों को फायदा होगा. जेटली ने कहा कि 10 करोड़ परिवार को इससे फायदा होगा.
इनकम टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 में व्यक्तिगत आयकर में कोई बदलाव नहीं किया है. छूट की सीमा पहले की तरह 2.5 लाख रुपए रखा है. लेकिन कुछ ऐसे बदलाव किए गए जोकि आपके रोजमर्रा लाइफस्टाइल में असर डाल सकता है. बुजुर्गों के लिए भी कई अहम बदलाव किए गए है. मेडीक्लेम में 50 हजार रुपए तक की छूट दी गई है. जेटली ने यह भी बताया कि नौकरीपेशा को टैक्स में कोई छूट नहीं. वहीं जेटली ने बताया कि इस साल डायरेक्ट टैक्स 12.6 प्रतिशत बढ़ा. बता दें कि टैक्स का बजट पेश करने के बाद शेयर बाजार में गिरावट भी आई. सेंसेक्स में 250 अंकों तक की गिरावट भी आई.
नोटबंदी से काले पैसे पर लगाम लगी
वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि हमने पॉलिसी पैरालिसिस को बदल डाला है. नोटबंदी से काले पैसे पर लगाम लगी है. अरुण जेटली ने कहा कि देश में 7.5 फीसदी विकास दर रहने की उम्मीद है. वित्तमंत्री ने कहा कि हम जल्द ही दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे. अभी हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
सरकारी कंपनियों के शेयर बेजकर 80000 करोड़ जुटाएगी सरकार
पीएम मोदी के सपनों को पंख देने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि हम इस साल खेती को मजबूत करने पर ध्यान देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के आने के बाद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार रोजमर्रा की जिंदगी में सरकारी दखल को कम-से-कम करने की कोशिश करेगी. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में एक और बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों के 80 हजार करोड़ के शेयर बेच देगी. वित्तमंत्री जेटली ने सांसदों के वेतन को भी बढ़ाए जाने की बात कही है.
2 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में उज्ज्वला और सौभाग्य योजना के तहत गैस और बिजली पर ध्यान देने की बात की है. गरीब व मध्यम वर्ग के जीवन को सुगम बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि तीन हजार से अधिक जन औषधि केंद्रों में 800 से ज्यादा दवाइयां मुफ्त मिल रही है. उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी दी जाएगी. वित्तमंत्री ने कहा कि पशुपालन एवं मत्स्यपालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दो नए कोष बनाई जाएगी. जेटली ने अपने भाषण में अगले वित्त वर्ष में दो करोड़ शौचालय बनाने के लक्ष्य का भी जिक्र किया.
24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज-अस्पताल खोले जाएंगे
वित्तमंत्री जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि नवोदय विद्यालय की तर्ज पर अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए एकलव्य विद्यालय खोले जाएंगे. उन्होंने बीटेक विद्यार्थियों के लिए प्रधानमंत्री रिसर्च फेलो योजना की भी घोषणा की. वित्तमंत्री ने 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज-अस्पताल खोलने की भी घोषणा की. वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना का भी विस्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत 12 रुपये सालाना प्रीमियम पर दो लाख रुपये के बीमा को 13.25 करोड़ लोगों ने अपनाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना के तहत 330 रुपये सालाना प्रीमियम पर दो लाख रुपये बीमा योजना को 5.22 करोड़ लोगों ने अपनाया.
रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन
रेल बजट को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने कहा कि रेलवे के लिए इस बजट में 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इस वर्ष 4 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतिकरण किए जाने की योजना है. उन्होंने कहा कि 4 हजार मानव रहित वाले रेलवे क्रॉसिंग 2 साल में खत्म कर दिए जाएंगे.
मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत
घरेलू स्मार्टफोन निर्माताओं की मदद के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया. जेटली ने आम बजट पेश करने के दौरान कहा, "मोबाइल फोन के पुर्जों के आयात पर सीमा शुल्क मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे भारत के स्मार्टफोन क्षेत्र में नौकरियों में वृद्धि होगी." दिसंबर में सरकार ने मोबाइल फोन सहित विभिन्न उत्पादों पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था.
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल की सैलरी में भारी बढ़ोतरी, जानिए अब क्या हुई?
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को साल 2018-19 का आम बजट पेश किया. बजट के दौरान वित्त मंत्री जेटली ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों के वेतन को बढ़ाने का ऐलान किया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हर पांच साल में सासंदों के वेतन का रिविजन भी किया जाएगा. साल 2018-19 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि राष्ट्रपति का वेतन बढ़ाकर पांच लाख रुपये, उपराष्ट्रपति का चार लाख रुपये और राज्यों के राज्यपालों का वेतन बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जाएगा. इसी के साथ हर पांच साल में महंगाई दर के आधार पर सांसदों के वेतन में भी बढ़ोतरी की जाएगी.
सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूकी, 2017-18 में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कतिपय परिस्थितियों के कारण राजकोषीय घाटा बजट अनुमान से थोड़ा बढ़कर 3.5 प्रतिशत रहेगा. बजट 2017-18 में इसको सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य था. वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया गया है. हालांकि, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन कानून (एमआरबीएम) के तहत प्रस्तावित मध्यावधिक योजना के तहत यह लक्ष्य 3 प्रतिशत तक होना चाहिए था.
सीबीईसी का नया नाम केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड
देश में कई अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की व्यवस्था लागू होने के चलते केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीईसी) का नाम बदलकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) कर दिया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए यह बात कही. जेटली ने कहा कि नाम बदलने के लिए कानून में जरुरी प्रावधान और संशोधनों का वित्त विधेयक में प्रस्ताव किया गया है.
बजट पेश होने से पहले वित्त राज्य में शिवप्रताप शुक्ला ने कहा कि यह बजट आम नागरिकों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा.
इस बीच बजट की प्रतियां संसद भवन पहुंच चुकी हैं. वहीं वित्त मंत्री भी घर से निकल कर संसद भवन पहुंच चुके हैं. इससे पहले परंपरा के अनुसार जेटली राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने पहुंचे.
Delhi: Finance Minister Arun Jaitley arrives at the Parliament #UnionBudget2018 pic.twitter.com/VhTlrr71UC
— ANI (@ANI) February 1, 2018
Delhi: Finance Minister Arun Jaitley met President Ram Nath Kovind at Rashtrapati Bhavan before presenting the Union Budget 2018-19 in the Parliament. pic.twitter.com/7aaRpXhVPy
— ANI (@ANI) February 1, 2018
इससे पहले सोमवार को सदन में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था अब ठीक हो रही है और साल 2018-19 में देश की विकास दर यानी जीडीपी 7-7.5 फीसदी तक होने का अनुमान लगाया गया है. लेकिन कच्चे तेल की बढ़ची कीमत सरकार के लिए परेशानी की वजह बन सकती है. वहीं इस बार के बजट के बारे में चर्चा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस बार के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए पहली प्राथमिकता में होगा.
बजट में अरुण जेटली का नौकरी, कृषि, टैक्स में छूट और रेलवे सुरक्षा पर फोकस हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही सख्त बजट का संकेत दे चुके हैं. हालांकि मध्यवर्ग आयकर में छूट की आस लगाए बैठा है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस बजट में किसानों की बदहाली और ग्रामीण इलाकों के बुनियादी ढांचा में सुधार के अलावा रोज़गार के नए अवसर पैदा करने पर जोर रहेगा. सरकार 2018-19 में देश के सारे गांवों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य पूरा करना चाहती है. फिलहाल ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब 82 फीसदी गांवों को सड़कों से जोड़ा जा चुका है और 2019 तक देश के सारे गांवों को सड़कों से जोड़ने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसके लिए बजट में अलग से फंड दिए जा सकते हैं.
Budget 2018 : क्या इस बार मिलेगी कम किराए की सौगात?
साल 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा गुरुवार को पेश किए जाने वाले अंतिम पूर्ण बजट में रेलवे के लिए सुरक्षा चिंताओं के समाधान, यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी और अवसंरचना में बड़ा निवेश पर जोर दिए जाने की उम्मीद है. गौरतलब है कि मोदी सरकार ने अलग से रेल बजट पेश करने बंद कर दिया है. अब रेल बजट को आम बजट के साथ ही पेश किया जाता है. मोदी सरकार के आने के बाद से रेलवे को घाटे से उबारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इसके लिए नई ट्रेनों को चलाने की घोषणा भी बहुत कम की गई है. ये बजट सरकार का आखिरी पूर्णकालिक बजट होगा इसलिए कुछ उम्मीदें जरूर जुड़ी हैं.
शेयर बाजार ने किया बजट का स्वागत
वित्त मंत्री अरुण जेटली गुरुवार को वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया. शुरुआत में शेयर बाजार ने बजट पर निराशा जताई और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स करीब 250 अंक लुढ़क गया. बाद में बाजार संभल गया और बजट का स्वागत करता दिखा. दोपहर 1:30 बजे बीएसई का सेंसेक्स 116 अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था. वहीं निफ्टी भी 32 अंको की तेजी पर था.
VIDEO: देखें वित्त मंत्री अरुण जेटली का पूरा बजट भाषण
मनरेगा के तहत 2 लाख 36 हज़ार किमी पक्की सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जो 2017-18 के 2 लाख 12 हज़ार किलोमीटर से 10% ज़्यादा है. यानी बजट में मनरेगा के लिए अलग से फंड आवंटित किया जा सकता है. उद्योग जगत चाहता है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ग्रामीण भारत में निजी निवेश के नए रास्ते खोलने के लिए प्रोत्साहन राशि का एलान करें जिससे ग्रामीण इलाकों में डिमांड बढ़े.
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