आम बजट में छोटे उद्योगों को कर राहत दी गई है.
नई दिल्ली: नोटबंदी का असर झेल रहे उद्योग जगत ने वित्त मंत्री को एक लंबी वि-लिस्ट सौंपी थी. वित्त मंत्री ने छोटी कंपनियों के लिए टैक्स में राहत का एलान किया लेकिन बड़े उद्योगपतियों के लिए कुछ खास नहीं रहा.
नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर छोटे और मंझोले उद्योगों पर पड़ा है. अब वित्त मंत्री ने बजट में छोटी कंपनियों के लिए पांच फीसदी टैक्स में कटौती का एलान कर बड़ी राहत दी है. संरक्षित क्षेत्र की 96 प्रतिशत कंपनियों को टैक्स में कटौती का फायदा मिलेगा.
हालांकि बड़े उद्योगपतियों को फिलहाल कोई बड़ी राहत नहीं मिली है. रसना प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन पिरुज खंबाता का कहना है कि 'नोटबंदी एक बड़ा अर्थक्वेक था. मुझे उम्मीद थी कि बजट में सुनामी आएगी. लेकिन निर्माण क्षेत्र में बिग बैंग रिफॉर्म नहीं दिख रहा है.' भारती इंटरप्राइजेस के वाइस चेयरमैन राकेश भारती मित्तल का कहना है कि कार्पोरेट के लिए इनकम टैक्स रेट में कुछ होना चाहिए था.
वित्त मंत्री ने यह बजट ऐसे वक्त पर पेश किया है जब नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ती नजर आ रही है. नोटबंदी का ऑटोमोबाइल सेक्टर पर बुरा असर पड़ा है. अब ऑटोमोबाइल सेक्टर की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद उसे किस टैक्स स्लैब में रखा जाता है.
बजाज ऑटो के चेयरमैन राहुल बजाज ने एनडीटीवी से कहा कि उन्हें जीएसटी का इंतजार है. उन्होंने कहा कि जीएसटी आने के बाद ही पता चलेगा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर पर कितना असर पड़ेगा.