संसद में पीएम नरेंद्र मोदी...
नई दिल्ली:
संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है. पीएम मोदी ने आर्थिक सर्वेक्षण से पहले कहा कि पिछले दिनों सभी राजनीतिक दलों के साथ सामूहिक रूप से और व्यक्तिगत रूप से लगातार चर्चा हुई है. सत्र का सर्वाधिक उपयोग जनहित के लिए हो, सार्थक चर्चा हो, बजट की भी बारीकी से चर्चा हो.
पीएम ने आगे कहा कि पहली बार बजट 1 फरवरी को हो रहा है. आप सबको स्मरण होगा हमारे देश में पहले बजट शाम को 5 बजे प्रस्तुत किया जाता था. जब अटल जी की सरकार थी, तब से उसे समय परिवर्तित करके सुबह सदन प्रारंभ होते ही बजट शुरू हुआ.
आज एक और नई परंपरा का प्रारंभ हो रहा है. एक तो बजट करीब एक महीने पहले आ रहा है. दूसरा इसके साथ रेल बजट भी जोड़ दिया गया है. सदन में इस पर व्यापक चर्चा होगी और उससे आने वाले दिनों में क्या लाभ होने वाले हैं, यह भी मुखर हो करके आएगा. मैं सभी राजनीतिक दलों से, मेरा विश्वास है कि वह इस बार सदन को उत्तम चर्चा के साथ जनहित के काम को आगे बढ़ाने में उपयोग करेंगे.
उल्लेखनीय है कि आर्थिक सर्वेक्षण के तहत देश की आर्थिक हालत का पूरा ब्योरा पेश किया जाता है. सालभर में देश में विकास का ट्रेंड क्या रहा, किस क्षेत्र में कितना निवेश हुआ, किस क्षेत्र में कितना विकास हुआ, किन योजनाओं को किस तरह अमल में लाया गया, जैसे सभी पहलुओं पर इस सर्वे में सूचना दी जाती है. अर्थव्यवस्था, पूर्वानुमान और नीतिगत स्तर पर चुनौतियों संबंधी विस्तृत सूचनाओं का भी इसमें समावेश होता है. इसमें क्षेत्रवार हालातों की रूपरेखा और सुधार के उपायों के बारे में बताया जाता है. मोटामोटी तौर पर, यह सर्वेक्षण भविष्य में बनाई जाने वाली नीतियों के लिए एक दृष्टिकोण का काम करता है.
पीएम ने आगे कहा कि पहली बार बजट 1 फरवरी को हो रहा है. आप सबको स्मरण होगा हमारे देश में पहले बजट शाम को 5 बजे प्रस्तुत किया जाता था. जब अटल जी की सरकार थी, तब से उसे समय परिवर्तित करके सुबह सदन प्रारंभ होते ही बजट शुरू हुआ.
आज एक और नई परंपरा का प्रारंभ हो रहा है. एक तो बजट करीब एक महीने पहले आ रहा है. दूसरा इसके साथ रेल बजट भी जोड़ दिया गया है. सदन में इस पर व्यापक चर्चा होगी और उससे आने वाले दिनों में क्या लाभ होने वाले हैं, यह भी मुखर हो करके आएगा. मैं सभी राजनीतिक दलों से, मेरा विश्वास है कि वह इस बार सदन को उत्तम चर्चा के साथ जनहित के काम को आगे बढ़ाने में उपयोग करेंगे.
उल्लेखनीय है कि आर्थिक सर्वेक्षण के तहत देश की आर्थिक हालत का पूरा ब्योरा पेश किया जाता है. सालभर में देश में विकास का ट्रेंड क्या रहा, किस क्षेत्र में कितना निवेश हुआ, किस क्षेत्र में कितना विकास हुआ, किन योजनाओं को किस तरह अमल में लाया गया, जैसे सभी पहलुओं पर इस सर्वे में सूचना दी जाती है. अर्थव्यवस्था, पूर्वानुमान और नीतिगत स्तर पर चुनौतियों संबंधी विस्तृत सूचनाओं का भी इसमें समावेश होता है. इसमें क्षेत्रवार हालातों की रूपरेखा और सुधार के उपायों के बारे में बताया जाता है. मोटामोटी तौर पर, यह सर्वेक्षण भविष्य में बनाई जाने वाली नीतियों के लिए एक दृष्टिकोण का काम करता है.
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