राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
पटना:
पूर्व रेल मंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने रेलवे को ‘गंभीर संकट’ की ओर धकेलने के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार की आलोचना की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में पूर्व रेल मंत्री ने रेलवे द्वारा की गई हाल की दो गलत नीतिगत पहल का उल्लेख किया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और जापान की जेआईसीए जैसे वित्तीय संस्थानों से 40 अरब डॉलर उधार लेने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर अंधाधुंध कर्ज उठाना आत्मघाती हो सकता है। क्योंकि यह धन बुलेट ट्रेन जैसी धन पीने वाली परियोजनाओं पर लगाया जाना है जो लाभकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में यह और भी खतरनाक है जबकि भारतीय रेल को अपने रोजमर्रा के खर्च के लिए पर्याप्त आमदनी नहीं हो रही है।
प्रसाद ने कहा, 'दूसरा मुद्दा रेलवे द्वारा लागत कम करने और निजीकरण आदि के लिए गठित समितियों का है। ऐसी पहल से रेल कर्मचारियों का मनोबल बुरी तरह से प्रभावित है।' उन्होंने रेलवे की तुलना जर्सी गाय से करते हुए कहा कि इस गाय की सेहत इस समय अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘आपकी सरकार न तो इस गाय का दूध निकाल सकी न ही इसकी सेवा कर सकी। यह बीमार हो गयी है।’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और जापान की जेआईसीए जैसे वित्तीय संस्थानों से 40 अरब डॉलर उधार लेने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर अंधाधुंध कर्ज उठाना आत्मघाती हो सकता है। क्योंकि यह धन बुलेट ट्रेन जैसी धन पीने वाली परियोजनाओं पर लगाया जाना है जो लाभकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में यह और भी खतरनाक है जबकि भारतीय रेल को अपने रोजमर्रा के खर्च के लिए पर्याप्त आमदनी नहीं हो रही है।
प्रसाद ने कहा, 'दूसरा मुद्दा रेलवे द्वारा लागत कम करने और निजीकरण आदि के लिए गठित समितियों का है। ऐसी पहल से रेल कर्मचारियों का मनोबल बुरी तरह से प्रभावित है।' उन्होंने रेलवे की तुलना जर्सी गाय से करते हुए कहा कि इस गाय की सेहत इस समय अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘आपकी सरकार न तो इस गाय का दूध निकाल सकी न ही इसकी सेवा कर सकी। यह बीमार हो गयी है।’
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