दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि एम्स में डिप्टी सेक्रेटरी रह चुके संजीव चतुर्वेदी को पद-मुक्त कर दिया जाए ताकि वह (केजरीवाल) उन्हें अपने ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के पद पर ला सकें। चतुर्वेदी 2002 बैच के भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय उनके काडर को नियंत्रित करने वाली संस्था है।
अब पर्यावरण मंत्रालय को स्वास्थ्य मंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखनी होगी जहां से अनुमति के बाद ये मामला कैबिनेट कमेटी ऑफ अपाइंटमेंट यानी सीसीए के पास जाएगा जिसके प्रमुख प्रधानमंत्री मोदी हैं।
ये मामला इसलिए इतना महत्वपूर्ण है क्योंकि संजीव चतुर्वेदी का पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों सरकारों से काफी टकराव हो चुका है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या केंद्र साफ छवि वाले इस अफसर को केजरीवाल सरकार में काम करने के लिये पद-मुक्त करेगी? हालांकि वर्तनाम स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा तो पहले सांसद रहते हुए चतुर्वेदी को एम्स से हटाने और वापस हरियाणा भेजने के लिए चिट्ठियां लिखते रहे हैं, लेकिन जब चतुर्वेदी को पिछले साल एम्स के सीवीओ पद से हटाया गया उसके बाद उठे विवाद से नड्डा शांत हैं।
पहले केजरीवाल चतुर्वेदी को एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख के तौर पर मांग रहे थे। लेकिन अब उन्हें ओएसडी के तौर पर मांगा जा रहा है। परंपरा है कि मुख्यमंत्री या कोई दूसरा मंत्री जब किसी अधिकारी को अपना ओएसडी बनाता है तो अमूमन इनकार नहीं किया जाता। शायद इसीलिये केजरीवाल ने मोदी सरकार से इस अधिकारी को अपना ओएसडी बनाने के लिए चिट्ठी भेजी है।
चतुर्वेदी से संपर्क नहीं हो सका लेकिन सूत्र बताते हैं कि उन्हें खुद दिल्ली सरकार में जाने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन सबकुछ केंद्र सरकार के रवैये पर निर्भर है।
This Article is From Feb 17, 2015
क्यों चतुर्वेदी को बतौर ओएसडी मांग रहे हैं केजरीवाल?
Hridayesh Joshi, Rajeev Mishra
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Updated:फ़रवरी 17, 2015 20:22 pm IST
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Published On फ़रवरी 17, 2015 20:19 pm IST
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Last Updated On फ़रवरी 17, 2015 20:22 pm IST
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