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This Article is From Aug 05, 2015

आतंकी उस्मान को जिंदा पकड़ने का श्रेय किसे?

Reported by Rajeev Ranjan, Edited by Suryakant Pathak
  • Blogs,
  • Updated:
    अगस्त 05, 2015 18:06 pm IST
    • Published On अगस्त 05, 2015 17:56 pm IST
    • Last Updated On अगस्त 05, 2015 18:06 pm IST
मुंबई हमले के कसूरवार कसाब के बाद अब उस्मान जिंदा पकड़ा गया है । हालांकि अभी इस पर विवाद चल रहा है कि आखिर इस आतंकी को जिंदा किसने पकड़ा। सुरक्षाबलों ने या फिर ग्रामीणों ने? प्रत्यक्षदर्शियों और अगवा किए गए लोगों की मानें तो आतंकी उस्मान को जिन्दा पकड़ने का श्रेय ग्रामीणों को ही जाता है, लेकिन सेना, बीएसएफ और पुलिस के दावे मानें तो आतंकी को उन्होंने पकड़ा है ।

इन दावों की पड़ताल के लिए पूरी घटना पर नजर डालना जरूरी है। उधमपुर से करीब 15 किलोमीटर दूर बीएसएफ की एक बस पर सुबह दो आतंकियों ने हमला किया। हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए और करीब दस घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया जबकि दूसरा वहां से भाग निकला। इसी भागे हुए आतंकी ने बाद में तीन ग्रामीणों को पकड़ा और उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने को कहा।

गांव वाले बता रहे हैं कि उन्होंने इस आतंकी को पकड़ा है। जाहिर है, पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को भी उनकी तलाश रही होगी और उनकी कोशिश की वजह से वह निकल नहीं पाया होगा, लेकिन सबसे पहले उसे निहत्था करके जकड़ने का श्रेय आम गांव वालों से छीनना ठीक नहीं होगा।

अब खबर आ रही है कि यह आतंकी फैसलाबाद के गांव गुलाम मुस्तफाबाद का रहने वाला है। सन 2008 में मुंबई में हमला करने वाले अजमल कसाब के बाद पहली बार कोई आतंकी जिंदा हाथ आया है। इसमें कोई दो राय नहीं कि आतंकी का जिंदा पकड़ा जाना भारतीय सुरक्षा बलों के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है। इस आतंकी को पकड़ने में ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्य विक्रमजीत और राकेश की अहम भूमिका रही।

ध्यान रहे जब कोई आतंकी मरने, मारने के लिए आता है तो उसका सीधा मतलब यह है कि वह फिदायीन हमलावर है और उसे अपनी जान की परवाह नहीं है। इसके बावजूद बहादुर ग्रामीणों ने प्रशिक्षित और गोरिल्ला हमले में माहिर आतंकी को धरदबोचा।

दूसरी तरफ सेना दावा कर रही है कि उसके स्पेशल फोर्सेज के जवानों ने न केवल एक आतंकी को मार गिराया बल्कि दूसरे आतंकी को जिंदा भी पकड़ा। ऐसा ही दावा बीएसएफ और पुलिस भी कर रही है। इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे रहा कि उधमपुर जैसे सेना के नार्दन कमांड के हेडक्वाटर के पास आतंकी सुरक्षा घेरा तोड़ पाने में कैसे कमायाब हो गए?

बावजूद इन दावों के अब जबकि भारत ने एक आतंकी को जिंदा पकड़ लिया है तो यह सुरक्षा बलों के सामने कई ऐसे राज खोलेगा, जो पाकिस्तान की जमीन में नापाक साजिशें रचने के दावों को और बल देंगे।

इसके साथ ही भारत के इस दावे को ताकत मिलेगी कि पाकिस्तान की जमीन पर भारत के खिलाफ आतंकी हमले की साजिशें रची जाती हैं। इस आतंकी से यह भी पता चलेगा कि वह किस आतंकी संगठन का सदस्य है, पाकिस्तान की सरकार का इन हमलों के पीछे क्या रवैया है। आतंकी सीमा के किस रास्ते से आने में कामयाब होते हैं और कब होते हैं।

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