विराट कोहली क्रिकेट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते है। 2006 में रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान जिसने विराट को देखा होगा शायद ही वह क्रिकेट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर कभी सवाल उठाएगा। यह एक ऐसा मैच था, जिसने विराट की जिंदगी बदल दी थी। जिस दिन विराट को बैटिंग करनी थी उससे पहले रात को अचानक उनके पिताजी का देहांत हो गया। विराट के सामने दो विकल्प थे। अगले दिन मैच खेलकर दिल्ली को हार से बचाना या अपने पिताजी के दाह-संस्कार में शामिल होना।
जब पूरी टीम उम्मीद कर रही थी कि विराट अपने पिताजी के दाह-संस्कार में जाएंगे तब सबको हैरान करते हुए कोहली अगले दिन बैटिंग करने के लिए मैदान पर उतरे। उसी पारी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 90 रन बनाए और दिल्ली को कर्नाटक से हारने से बचा लिया।
अपनी पारी पूरी करने के बाद विराट अपने पिताजी के दाह-संस्कार के लिए पहुंचे थे। उस एक ही रात ने विराट की जिंदगी को बदल दिया था। पिताजी की मौत के बाद विराट टूट तो जरूर गए थे, लेकिन अपने पिताजी के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जो किया वह काबिलेतारीफ है।
प्रथम श्रेणी और लिस्ट-A के मैचों में शानदार प्रदर्शन
फिर विराट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। घरेलू मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए विराट ने अपने आपको एक शानदार खिलाड़ी के रूप में साबित किया। विराट कोहली 73 प्रथम श्रेणी मैच खेलते हुए करीब 48 की औसत से 5243 रन बना चुके हैं। अगर लिस्ट-A के मैच जोड़े जाएं तो कोहली ने 205 मैच खेलते हुए करीब 51 की औसत से 8654 रन बनाए हैं, जिसमे 18 शतक शामिल हैं।
कैसे मिली अंडर 19 टीम की कप्तानी
विराट कोहली लगातार अच्छे प्रदर्शन करते आ रहे थे। 2004 में दिल्ली की तरफ से विराट कोहली का अंडर 17 विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए चयन हुआ। इस सीरीज में शानदार प्रदर्शन करते हुए कोहली ने 117 की औसत से 470 रन बनाए थे। फिर अगले साल भी कोहली ने विजय मर्चेंट ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 7 मैच खेलते हुए सबसे ज्यादा 757 रन बनाए थे। इस शानदार प्रदर्शन के लिए कोहली को अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया।
कोहली की कप्तानी में भारत ने जीता अंडर-19 वर्ल्ड कप
कोहली की कप्तानी में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप में काफी शानदार प्रदर्शन किया था। कोहली ने खुद शानदार बल्लेबाजी करते हुए छह मैचों में करीब 47 की औसत से 235 रन बनाये थे और वेस्ट-इंडीज के खिलाफ 47 गेंदों पर 100 रनों की पारी उस वक्त चर्चा की विषय बनी थी।
जब एकदिवसीय मैच में मिला मौका
कोहली के अंडर-19 वर्ल्ड कप के शानदार प्रदर्शन ने सबको प्रभावित किया था। फिर श्रीलंका दौर के लिए 2008 में कोहली का चयन हुआ। जब सहवाग और तेंदुलकर पूरी तरह फिट नहीं थे तब ओपनर के रूप में टीम इंडिया में कोहली को मौका मिला। श्रीलंका के खिलाफ इस सीरीज में कोहली ने करीब 32 की औसत से 159 रन बनाए थे, जिसमे एक अर्धशतक भी शामिल था। 24 दिसंबर 2009 को कोहली ने अपने एकदिवसीय करियर का पहला शतक श्रीलंका के खिलाफ बनाया। इस मैच में भारत ने जब 315 रनों का पीछा करते हुए सिर्फ 23 रनों के स्कोर पर सहवाग और तेंदुलकर का विकेट गंवा दिया था तब कोहली ने गौतम गंभीर के साथ मिलकर शानदार बल्लेबाजी करते हुए 107 रन बनाए थे। भारत ने इस मैच को जीत लिया था। गंभीर भी इस मैच में 150 रन पर नाबाद थे। अब तक कोहली 171 एकदिवसीय मैच खेलते हुए करीब 52 की औसत से 7212 बना चुके हैं, जिसमें 25 शतक शामिल हैं।
वर्ल्ड टी20 में प्रदर्शन
विराट कोहली ने अपना पहला टी20 मैच 12 जून 2010 को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ खेला था। इस मैच में कोहली 26 रन पर नॉटआउट थे। टी-20 में अपना पहला अर्धशतक कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ 7 अगस्त 2012 को मारा था। अभी तक कोहली ने 40 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेलते हुए करीब 54 की औसत से 1446 रन बना लिए हैं। अंतरराष्ट्रीय टी20 मैचों में कोहली का प्रदर्शन सबसे अच्छा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रहा और फिर पाकिस्तान के खिलाफ। टी20 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करीब 54 की औसत से 319 रन बनाए हैं। पाकिस्तान खिलाफ कोहली करीब 85 की औसत से 254 रन बना चुके हैं। अगर टी20 वर्ल्ड कप की बात की जाए तो विराट कोहली अभी तक 13 मैच खेल चुके हैं और करीब 73 की औसत से 582 रन बनाए हैं।
जब सचिन से ली सलाह
एक समय ऐसा था जब कोहली की बैटिंग को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे थे। यह भी उम्मीद की जा रही था कि शायद कोहली को टीम इंडिया से बाहर बैठना न पड़े, लेकिन कोहली हार मानने वाले नहीं थे। अपनी बैटिंग सुधारने के लिए कोहली ने सचिन तेंदुलकर से भी सलाह ली। पाकिस्तान के खिलाफ जब कोहली शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे तब सचिन ईडन गार्डन के मैदान पर कोहली का उत्साह बढ़ा रहे थे।
कोहली ने कई शानदार पारियां खेली हैं, लेकिन शनिवार को पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई पारी सबसे बेहतरीन लग रही थी। इस पारी के पीछे कोहली की परिपक्वता छुपी हुई थी। पाकिस्तान के खिलाफ यह दबाव भरा मैच में कोहली बिना दबाव में खेलते हुए नज़र आ रहे थे, जो कोहली के लिए नहीं बल्कि टीम इंडिया के लिए अच्छे संकेत हैं।
This Article is From Mar 20, 2016
यह 'विराट' कोहली हैं, जिन्होंने अपने पापा का सपना पूरा किया...
Sushil Kumar Mohapatra
- ब्लॉग,
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Updated:मार्च 21, 2016 10:54 am IST
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Published On मार्च 20, 2016 15:48 pm IST
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Last Updated On मार्च 21, 2016 10:54 am IST
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