उत्तराखंड हिमालय में बसा एक छोटा सा पहाड़ी राज्य है, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है. उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. यहां की चारधाम यात्रा एक ऐसा अनुभव है जो आपको आध्यात्मिक शांति और आत्म-ज्ञान की ओर ले जाता है. चारधाम यात्रा उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी भी है. साल 2025 में 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा समेत हेमकुंड की यात्रा शुरू होने जा रही है. 30 अप्रैल को यमनोत्री, गंगोत्री, 2 मई को केदारनाथ, 4 मई को बदरीनाथ और 25 मई को हेमकुंड की यात्रा शुरू हो जाएगी.

आर्थिक मजबूती का आधार चार धाम यात्रा
उत्तराखंड की चार धाम यात्रा न सिर्फ इन चारों धामों के आसपास रहने वालों के लिए मजबूत आर्थिकी का आधार है बल्कि चार धाम यात्रा से पूरे उत्तराखंड और अन्य प्रदेश खासकर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश के लोगों के लिए भी आर्थिकी का मजबूत आधार है. उत्तराखंड के चार धाम यात्रा को लंबे समय से पत्रकार के तौर पर और यात्री के तौर पर मैंने बहुत करीब से देखा है. पहले यात्रा में बहुत कम लोग आते थे, लेकिन जैसे-जैसे सड़कों का विस्तार हुआ. सड़कों का चौड़ीकरण हुआ और व्यवस्थाएं बढ़ी, उसके बाद लोगों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

लोगों की बढ़ती भीड़ से कई परेशानियांं
यात्रियों की संख्या बढ़ाने के साथ कई तरह की परेशानियां भी सामने आई. खासकर उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में, यहां बढ़ती संख्या के हिसाब से व्यवस्थाएं नहीं है. अचानक से हर साल यहां यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है और ऐसे में तमाम तरह की व्यवस्थाएं चरमरा जाती है. पिछले वर्ष 2024 को यात्रा में जो अनियंत्रित भीड़ यानी यात्रियों की संख्या बढ़ाने से अव्यवस्था हुई थी, वो सबने देखी. पिछले वर्ष अनियंत्रित भीड़ बढ़ने के कारण ट्रैफिक जाम से प्रमुख तीर्थस्थलों के दर्शन करने में दिक्कतें आई. इसके अलावा केदारनाथ और यमुनोत्री, जहां पैदल जाना पड़ता है. वहां के पैदल मार्ग पर भी बेहिसाब हिसाब भीड़ हो गई थी. लेकिन फिलहाल दावे किए जा रहे हैं कि इस बार पिछली यात्रा से सबक लेते हुए भीड़ का मैनेजमेंट किया जाएगा.

चारधाम यात्रा उत्तराखंड के चार प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थलों की यात्रा है जिनमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री शामिल है. यह यात्रा आमतौर पर मई से अक्टूबर तक की जाती है, जब मौसम अनुकूल होता है.
बद्रीनाथ उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है. यहां का बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यह हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है. केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है. यहां का केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है. गंगोत्री उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है. यहां का गंगोत्री मंदिर गंगा नदी के उद्गम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है.


चार धाम यात्रा के लिए क्या सबसे जरूरी
यमुनोत्री उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है. यहां का यमुनोत्री मंदिर यमुना नदी के उद्गम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है. उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के लिए तैयारी करना अति आवश्यक है. जैसे चारधाम यात्रा के लिए मौसम की जानकारी जरूर ले, क्योंकि उत्तराखंड के चारों धाम उच्च हिमालय क्षेत्र में है. जो लगभग 3 हजार मीटर या उससे ऊंचाई वाले क्षेत्र में है. यहां बेहद ठंड रहती है. गंगोत्री और बद्रीनाथ में वहां मंदिर के बेहद नजदीक तक जाते हैं, लेकिन यमुनोत्री और केदारनाथ में पैदल रास्ता बेहद कठिन है और ऐसे में वहां बारिश बर्फबारी और अत्यधिक ठंड हो सकती है.
चारधाम यात्रा की योजना बनाएं. यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज़ और सामग्री की सूची बनाएं.
यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच कराएं. यात्रा के दौरान आवश्यक दवाएं और स्वास्थ्य सामग्री साथ रखें.
चारधाम यात्रा के लिए यातायात की व्यवस्था करें. यात्रा के दौरान आवश्यक यातायात दस्तावेज़ साथ रखें.
(किशोर रावत एनडीटीवी में स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट हैं.)
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.