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This Article is From Jan 10, 2015

शरद शर्मा की खरी खरी : केजरीवाल पर क्यों हमलावर हुए पीएम मोदी?

Sharad Sharma, Saad Bin Omer
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  • Updated:
    जनवरी 10, 2015 23:41 pm IST
    • Published On जनवरी 10, 2015 22:58 pm IST
    • Last Updated On जनवरी 10, 2015 23:41 pm IST

शनिवार को दिल्ली की रामलीला मैदान रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर खुल्ला हमला बोला। हालांकि मोदी इससे पहले दो बार बिना नाम लिए केजरीवाल या आम आदमी पार्टी पर निशाना साध चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका रहा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमलावर हुए।

अभी तक के दिल्ली के राजनीतिक माहौल में बीजेपी आम आदमी पार्टी को कोई ख़ास भाव देती नज़र नहीं आती थी और आप नेता के कुछ आरोप लगाने या सवाल पूछे जाने पर जब मीडिया बीजेपी के प्रवक्ताओं या नेताओं से बात करता था तो पार्टी के प्रवक्ता तो यहां तक कह देते थे की आम आदमी पार्टी को अब 'दिल्ली में कोई सीरियसली नहीं लेता।'

तो जब प्रदेश स्तर के नेता सीरियस नहीं ले रहे थे तो राष्ट्रीय नेताओं ने क्यों सीरियस ले लिया? यहां तक कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रैली में आम आदमी पार्टी पर नाम लेकर जमकर हमले किए और कह दिया कि इस पार्टी के लोगों को झूट बोलने के मामले में कोई हरा नहीं सकता

सोचिए कि अपने दम पर देश जीत चुकी और उसके बाद हर राज्य में शानदार और ऐतिहासिक प्रदर्शन कर रही पार्टी के नेता को आखिर क्या ज़रूरत पड़ी उस पार्टी के बारे में बोलने की  जो अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।

असल में इसके कई कारण दिखते हैं। पहले जहां दिल्ली में बीजेपी की विरोधी आप और कांग्रेस चुनाव में अपने खराब प्रदर्शन से पस्त दिख रही थी, वहीं अब आम आदमी पार्टी चुनाव में मज़बूती से खड़ी दिखाई देती है।

इस पार्टी के साथ निचले तबके और अल्पसंख्यक वोटों की बड़ी दावेदारी तो है, साथ ही दिल्ली देहात में इस बार अच्छी तैयारी की है। पिछली बार बीजेपी की आधी सीटें देहात से ही आई थी।

बीजेपी मिडिल क्लास, ट्रेडर्स, युवा वर्ग में खासी पकड़ अभी भी बनाए हुए है, लेकिन इन दिनों आम आदमी पार्टी ट्रेडर्स वोट बैंक पर सेंध मारने में जुटी हुई है।

दिल्ली में एक मोटे अनुमान के मुताबिक़, करीब 20 लाख व्यापारी हैं। ट्रेडर वोट बैंक हमेशा से बीजेपी के साथ रहा, लेकिन पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सेंध लगाकर कुछ ट्रेडर्स बहुल सीटों पर अपना परचम लहराकर बीजेपी को बड़ा झटका दे डाला था।

याद रहे कि दिल्ली में बीजेपी पिछली बार केवल चार सीट कम रहने पर सबसे बड़ी पार्टी होने पर भी सरकार नहीं बना पाई थी

पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी पर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय यह आरोप लगा रहे हैं कि आप ने दिल्ली भर में होर्डिंग लगाकर दावा किया है कि 49 दिन की सरकार के दौरान व्यापारियों पर वैट विभाग का एक भी छापा नहीं पड़ा, जबकि सतीश उपाध्याय एक आरटीआई का हवाला देकर कह रहे हैं कि केजरीवाल सरकार के दौरान 151 छापे दिल्ली के व्यापारियों पर पड़े। रैली के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी उन आरोपों को दोहराया। वहीं आम आदमी पार्टी कह रही है कि वह छापे नहीं थे, बल्कि रेगुलर सैंपल चेकिंग थी, जो पेट्रोल पंप या लिकर शॉप पर होती हैं।

यही नहीं जब से बीजेपी ने यह आरोप लगाया दिल्ली में ऐसे दावे वाले होर्डिंग की संख्या बढ़ गई। यानी इस ट्रेडर्स वोटबैंक को लेकर दोनों पार्टियां खींचतान कर रही हैं।

इसके अलावा आम आदमी पार्टी दिल्ली में सभी सड़कों, गलियों में होर्डिंग और पोस्टर लगाकर और रेडियो पर विज्ञापन देकर तेज़ प्रचार में लगी हुई है।

यही नहीं आम आदमी पार्टी रणनीति के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कोई सीधा हमला करने से काफी समय से बच रही थी, क्योंकि मोदी से सीधा भिड़ने से वह पहले भी अपना नुक्सान करवा चुकी है, इसलिए इस बार के चुनाव प्रचार में वह इस बात पर ज्यादा ध्यान दे रही कि उसने सत्ता में रहने के दौरान क्या किया और फिर सरकार में आने पर क्या करेगी। हां केंद्र सरकार पर अपनी जनसभाओं में हमला ज़रूर करती है, लेकिन ना ज्यादा तीखा और ना ही प्रधानमंत्री का नाम।

लेकिन वह ये ज़रूर चाहती है बीजेपी या प्रधानमंत्री उस पर हमला करें, इससे एक तो जनता में उसको सहानुभूति मिल सकती है कि जब ये लोग (आप) अपना प्रचार सकारात्मक रखे हुए हैं, तो बीजेपी/मोदी नकारात्मक प्रचार कर रहे हैं?

केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्ण राज्य का मुद्दा उठाया और साथ ही पार्टी ने रामलीला मैदान (रैली स्थल) के बाहर ही अपने होर्डिंग लगवाकर लिखा 'प्रधानमंत्री जी से विनम्र निवेदन' और बहुत सारे सवाल पूछ डाले।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केजरीवाल या आप का नाम लिए बिना जो कहा उससे आप और केजरीवाल को अहमियत मिली और ये पुष्टि हुई कि इस पार्टी ने बीजेपी को परेशान कर रखा है और बीजेपी भी यह मान रही है कि दिल्ली में उसकी दुश्मन नंबर एक आम आदमी पार्टी ही है और बात यह भी है कि अगर आप ने बीजेपी को परेशान ना किया होता या बीजेपी के लिए खतरा ना बन गई होती, तो प्रधानमंत्री उस पर हमला ही क्यों करते?

इसलिए यह तय हो गया कि दिल्ली चुनाव का मतलब औपचारिक रूप से बीजेपी बनाम आप या फिर दो शब्दों में 'मोदी बनाम केजरीवाल' ही कहा जाएगा।

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