अरविंद केजरीवाल के अलावा पूर्व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया, सांसद भगवंत मान, दिल्ली संयोजक आशुतोष वरिष्ठ नेता संजय सिंह और योगेंद्र भी जनसभा करने में लगे हुए।
अरविंद केजरीवाल के अलावा पार्टी में इस वक्त सबसे ज्यादा भीड़ भगवंत मान को सुनने के लिए जुट रही है।
दक्षिणी दिल्ली के देवली विधानसभा में भगवंत मान ने कहा कि ये मुकाबला अरविंद केजरीवाल बनाम नरेंद्र मोदी नहीं है क्योंकि मोदी पीएम हैं और सीएम बनने के लिए वो दिल्ली आने से रहे, लेकिन ये मुकाबला अरविंद केजरीवाल बनाम पता नहीं कौन है? क्योंकि बीजेपी के सीएम उम्मीदवार का पता ही नहीं वो तो एक बिन कप्तान की टीम है।
आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया जो खुद पूर्वी दिल्ली की पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ रहे हैं उन्होंने भी जनकपुरी विधानसभा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी के पास मुख्यमंत्री के लिए न चेहरा है, न विज़न। अभी तक के प्रचार से आम आदमी पार्टी संतुष्ट दिख रही है और उसको लगता है कि वो इस समय वोट शेयर में बीजेपी के आसपास आ गई है।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 46 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट पड़े थे जबकि आम आदमी पार्टी को करीब 33 फ़ीसदी।
अभी तक ग्राउंड पर घूमने से जो मेरा आम आदमी पार्टी के बारे में आकलन है वो यह है कि निम्न और निम्न मध्यम वर्ग में आम आदमी पार्टी बहुत मज़बूत है जबकि मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग में बहुत कमज़ोर। हालांकि पिछले कुछ दिनों में इस सेगमेंट में आम आदमी पार्टी को कुछ कामयाबी मिली है, लेकिन अब भी इस सेगमेंट का बड़ा हिस्सा बीजेपी की तरफ़ दिख रहा है।
युवा वोटर में आम आदमी पार्टी ने भरोसा जगाने की कोशिश की है कुछ कामयाबी के बावजूद बड़ा दिस्सा बीजेपी की तरफ़ झुका हुआ है। सिख और मुस्लिम वोटरों में आम आदमी पार्टी मजबूत स्थिति में दिखती है।
आश्चर्यजनक तौर पर देहात के इलाकों मे आम आदमी पार्टी मज़बूती से आगे बढ़ती दिख रही है, यहां आपको बता दें कि देहात में ही पिछले विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी बहुत बुरी तरह से हार गई थी।
लेकिन यहां ध्यान रखना ज़रूरी है कि ये दिसंबर के आखिरी की स्थिति है मेरे निजी आकलन में। अभी माहौल बहुत बदल सकता है, चुनावों का ऐलान होने के बाद, उम्मीदवारों के ऐलान के बाद।
और सबसे बड़ी बात असली माहौल तब पता चलेगा जब बीजेपी के लिए खुद पीएम नरेंद्र मोदी रैली करने के लिए मैदान में उतरेंगे।
ये भी देखना होगा कि कांग्रेस कितना चढ़ पाएगी इन चुनावों में। क्योंकि आप और कांग्रेस का वोटबैंक एक ही माना जाता है इसलिए माना जा रहा है कि जितना कांग्रेस चढ़ेगी उतना ही बीजेपी चढ़ जाएगी और नुकसान आम आदमी पार्टी को हो सकता है। ऐसी सूरत में इसलिए आप के नेता अपनी सभाओं में कह भी रहे हैं कि मुकाबला केवल बीजेपी और आप में है, कांग्रेस को वोट देकर वोट बेकार मत करना।