यह ख़बर 29 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी नहीं, सरदार पटेल को याद करेगी मोदी सरकार

नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने पूर्व गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को धूमधाम से मनाने का फैसला किया है। 31 अक्टूबर को सरदार पटेल का 139वां जन्मदिन है और इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं। गौरतलब है कि 31 अक्टूबर ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है और अभी तक इस दिन उन्हीं की याद में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम होते आए हैं।

सरदार पटेल की तुलना में अभी तक की सरकारों ने 31 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रमों में इंदिरा गांधी को ज्यादा महत्व दिया, लेकिन मोदी सरकार ने इसे बदलने का फैसला किया है।

संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को पत्र लिख कर 31 अक्टूबर को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाने की अपील की है। नायडू ने पत्र में लिखा है कि वे अपने स्थानीय क्षेत्र, संसदीय क्षेत्र और जिला मुख्यालयों पर सुबह आठ से नौ बजे तक 'एकता दौड़' का आयोजन करें। इसके लिए छात्रों, युवाओं और अन्य लोगों को साथ लेने को कहा गया है। लोगों को 'एकता की शपथ' दिलाने की अपील भी की गई है।

31 अक्टूबर को केंद्र सरकार दिल्ली में बड़े पैमाने पर आयोजन कर रही है। पटेल चौक स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ यह कार्यक्रम शुरू होगा। विजय चौक से इंडिया गेट तक 'एकता दौड़' का कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।

नायडू ने दिल्ली के सभी सांसद, गृह मंत्रालय के अधिकारी और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर के साथ मंगलवार को बैठक कर इन तैयारियों का जायज़ा लिया। इसके अलावा सूचना प्रसारण मंत्रालय ने दूरदर्शन पर सरदार पटेल पर बनाई गई एक विशेष डॉक्यूमेंट्री दिखाने का फैसला किया है। इसमें स्वतंत्रता संग्राम के दौरान और आजादी के बाद पटेल के भाषणों को इकट्ठा किया गया है। पूरे दिन पटेल को लेकर कार्यक्रम भी दिखाए जाएंगे।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी और सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन यानी सीबीएसई ने शैक्षणिक संस्थानों और स्कूलों को पत्र लिखकर सरदार पटेल की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा है। इसी दिन गुजरात में सरदार सरोवर बांध पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा के निर्माण का काम भी शुरू कर दिया जाएगा।

सरकार के इस कदम पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है, क्योंकि इंदिरा गांधी की शहादत पार्टी के लिए भावनात्मक रूप से बड़ा मुद्दा रहा है। मोदी सरकार अब पूरे साल सिर्फ दो ही महान शख्सियतों - महात्मा गांधी और सरदार पटेल के ही कार्यक्रम आयोजित करेगी। अभी तक की केंद्र सरकारें पूर्व प्रधानमंत्रियों - जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की जयंती और पुण्यतिथियों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती आई है। मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि वह कांग्रेस के महापुरुषों की विरासत पर अपना कब्जा करना चाह रही है।

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