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This Article is From Dec 10, 2015

विराग गुप्ता : रवींद्र पाटिल 'शहीद', सलमान खान 'आज़ाद', न्याय व्यवस्था कठघरे में

Virag Gupta
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    दिसंबर 10, 2015 18:21 pm IST
    • Published On दिसंबर 10, 2015 16:53 pm IST
    • Last Updated On दिसंबर 10, 2015 18:21 pm IST
सलमान खान को बॉम्बे हाईकोर्ट ने हिट एंड रन केस में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया, क्योंकि सरकारी पक्ष आरोपों के समर्थन में निर्णायक पेश सबूत नहीं कर सका। क्या सलमान खान की मदद के लिए पुलिस द्वारा लचर केस बनाया गया या बड़े वकीलों ने न्याय व्यवस्था को लचर बना दिया? सलमान खान मुक्त हो गए, परंतु उनका पूर्व सुरक्षा अधिकारी रवींद्र पाटिल न्यायिक सड़ांध का शिकार होकर 30 वर्ष की उम्र में ही मर गया।

सलमान खान को जनवरी, 2002 मे अंडरवर्ल्ड की धमकी के बाद महाराष्ट्र पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, जिसके लिए रवींद्र पाटिल की नियुक्ति हुई थी। सितंबर, 2002 में दुर्घटना के वक्त रवींद्र पाटिल टोयोटा लैंडक्रूसर कार में मौजूद था और उसने सलमान खान को शराब के नशे में तेज़ कार चलाने से मना किया था। दुर्घटना के बाद रवींद्र ने ही बांद्रा पुलिस के सम्मुख इस मामले की पहली एफआईआर दर्ज कराई थी।

इसके बाद रवींद्र के खिलाफ अदालत से असहयोग करने, तथा ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप लगाए गए, और उनकी पुष्टि किए बिना 2006 में उसे गिरफ्तार कर आर्थर रोड जेल भेज दिया गया, जहां वह अपराधियों के बीच आत्मग्लानि और टीबी का शिकार होकर वर्ष 2007 में मुंबई के एक अस्पताल में गुमनाम मौत का शिकार हो गया। एक पुलिस अधिकारी मरकर भी सलमान खान की सुरक्षा और रिहाई की अपनी जिम्मेदारी पूरी कर गया, लेकिन सारे सबूतों के बावजूद अदालत ने निम्न कारणों से सलमान खान को बरी कर दिया...
  • कार में कुल तीन लोग थे... पहला - सलमान खान, जो खुद को बचा रहे थे। दूसरा - पुलिस अधिकारी रवींद्र पाटिल, जिसने मामले की एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन बाद में उसी को फंसाकर जेल भेज दिया गया। तीसरा - कमाल खान, जो मामले के बाद विदेश भाग गए। विदेशी नागरिक होने की वजह से उनके विरुद्ध वर्ष 2003 में लुकआउट नोटिस जारी किया गया, लेकिन वह पुलिस तफ्तीश में शामिल ही नहीं हुए। अब दलील दी जा रही है कि कमाल खान वर्ष 2008 से उपलब्ध थे, लेकिन उनका बयान नहीं लिया गया और यह अदालती निर्णय का बड़ा आधार बन गया।
  • मामले के अनुसार सलमान खान नशे में थे, जिसके प्रमाणस्वरूप पुलिस द्वारा बार में शराब पीने के बिल पेश किए गए थे। फिल्मी तरीके से सलमान खान ने बार में अपनी उपस्थिति से इनकार नहीं किया, लेकिन उनके अनुसार उन्होंने शराब नहीं, वरन नींबू पानी पिया था, जिसे अदालत ने मान भी लिया।
  • मामले के अनुसार शराब पीने के बाद सलमान खान ने तेज स्पीड में गाड़ी चलाकर एक्सीडेंट किया। सलमान खान ने शुरू में कहा कि वह 30 किलोमीटर की स्पीड से गाड़ी चला रहे थे। बाद में उनके एक और ड्राइवर अल्ताफ को मामले में लाने की कोशिश की गई। दुर्घटना के 12 साल बाद इनके पुराने वफादार अशोक सिंह ने गाड़ी चलाने की जिम्मेदारी ले ली और इस तरह सलमान खान बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने के आरोप से मुक्त हो गए और हर बात पर सबूत की बात करने वाली अदालत ने इस पर कोई सबूत नहीं मांगा।
  • मामले के अनुसार सलमान खान गाड़ी चलाने के बाद ड्राइविंग सीट से उतरकर भाग गए थे। बचाव पक्ष के वकीलों के अनुसार, क्योंकि दूसरा दरवाजा नहीं खुल रहा था, इसलिए सलमान खान ड्राइविंग सीट से उतरकर 15 मिनट बाद वहां से गए, जिसे अदालत ने मान भी लिया।
  • सलमान खान के वकीलों के अनुसार टोयोटा लैंडक्रूसर जैसी बड़ी गाड़ी का टायर फट गया, जिससे दुर्घटना हुई। इसके लिए आरटीओ के अधिकारियों ने झूठे साक्ष्यों को प्रमाणित भी कर दिया, जिसे देखकर 'हिन्दुस्तानी' फिल्म का कमल हासन भी शरमा जाए।
  • अदालत ने सोहैल खान के बॉडीगार्ड तथा अन्य प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों पर भी गौर नहीं किया, जिन्होंने कार में सिर्फ तीन लोगों के होने की बात कही थी, और जिनमें अशोक सिंह शामिल नहीं था।
  • ट्रायल कोर्ट ने मामले को आईपीसी के 304-ए से 304-II में परिवर्तित कर सलमान खान को सभी आरोपों का दोषी माना, परंतु हाईकोर्ट ने सलमान खान को सभी आरोपों से दोषमुक्त करते हुए पुलिस को उनका पासपोर्ट वापस करने का निर्देश दिया है।
अदालत द्वारा 12 साल बाद अशोक सिंह के बयान को प्रामाणिक मानकर सलमान खान को छोड़ने से आपराधिक विधि-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। देश में चार लाख कैदी हैं, जिनमें अधिकांश गरीब, कमजोर और अशिक्षित हैं। इस फैसले से साबित होता है कि अदालती व्यवस्था गरीबों को जेल भेजने के लिए बनी है। रसूखदार कभी भी कानून के शिकंजे में नहीं आते, और अगर फंस भी जाएं, तो वरिष्ठ अधिवक्ताओं की फौज अपने तर्कों से पूरे मामले को ध्वस्त कर देती है, जैसा पूर्व में जयललिता तथा सलमान खान को शाम साढ़े तीन बजे जमानत मिलने के मामले में देखा गया।

'बजरंगी भाईजान' का किरदार निभाने वाले सलमान खान दुर्घटना की रात के सच को बेहतर जानते हैं, फिर भी कानूनी व्यवस्था में बड़े वकीलों के माध्यम से सुराख कर बाहर आ गए हैं। लचर कानूनी व्यवस्था के अलावा सलमान खान को पूर्व सुरक्षा अधिकारी रवींद्र पाटिल की मौत तथा अशोक सिंह की वफादारी का शुक्रगुजार होना पड़ेगा, जिससे वह सिनेमा के रुपहले पर्दे पर कई और रोल निभा सकेंगे।

विराग गुप्ता सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता और टैक्स मामलों के विशेषज्ञ हैं...

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