रेडियो टीवी पर बीमा की शर्तों को दनदनाकर पढ़ते हुए सुनने से हमेशा लगता है कि बीमा तो बस ले लेने का मैटर है, समझने का चैप्टर नहीं है। शर्तें लागू को इस तरह से पढ़ा जाता है कि अगर दुर्घटना से बच भी गए तो इन शर्तों से मारे जाएंगे।
जिस तरह से मौजूदा सरकार बीमा की नई-नई स्कीम ला रही है उस पर विस्तार से बात करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग इसका इस्तेमाल भी करें और कुछ कमियां हैं तो उस पर भी बात हो ताकि वो कमियां दूर हो जाएं। क्योंकि बीमा की असलियत पॉलिसी की डिटेल में होती है न कि प्रीमियम में।
शनिवार 9 मई को कोलकाता में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और अटल पेंशन योजना को काफी भव्य तरीके से लॉन्च किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 80 से 90 प्रतिशत आबादी के पास कोई बीमा नहीं है।
भारत सरकार ने 15 अगस्त से 26 जनवरी के बीच जनधन के तहत 15 करोड़ नए खाते खोले। आज देश के 95 प्रतिशत लोग बैंक से जुड़ गए हैं। इन 15 करोड़ खाते में गरीब लोगों ने 15 हज़ार 800 करोड़ रुपये जमा कर दिये। प्रधानमंत्री ने यह तो नहीं कहा कि इन 15 करोड़ में से आधे खाते में एक पैसा नहीं है फिर भी यह कोई सामान्य कामयाबी नहीं है।
यह बात इसलिए कही कि जिन लोगों के खाते में एक पैसा नहीं है वे नई योजना के तहत प्रीमियम की राशि कहां से देंगे। क्या सरकार देगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बैंकिंग के कारण ही सुरक्षा कवच की योजनाओं लागू हो रही हैं। 1 मई से यह योजनाएं ट्रायल बेसिस पर शुरू हुई और 9 मई तक 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने रजिस्टर करा लिया जब प्रधानमंत्री योजना लॉन्च कर रहे थे तब मुझे भी मेरे बैंक से एसएमएस आया कि आपके खाते से 330 रुपये का प्रीमियम ले लिया जाएगा बस आप फलाने नंबर पर नॉमिनी का नाम एसएमएस कर दें। ऑटोमेटिक तरीके से मेरा भी बीमा हो गया और प्रधानमंत्री के खाते में मैं भी गिना गया।
अटल पेंशन योजना छोड़ दें तो यह मोदी सरकार की तीसरी जन बीमा योजना है। जनधन योजना में भी दुर्घटना में मरने या शरीर के किसी हिस्से के क्षतिग्रस्त होने पर एक लाख रुपये का बीमा कवर है तो प्राकृतिक मौत के बाद 30,000 का बीमा है। जनधन योजना के तहत सिर्फ गरीबों के खाते खुले हैं या अमीरों के यह स्पष्ट नहीं है। जनधन के तहत दुर्घटना बीमा है ही तो दो-दो नई बीमा योजना क्यों लॉन्च की गई। इनमें से किसी भी योजना से इलाज के खर्चे का पैसा नहीं मिलेगा।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में दुर्घटना में मौत या शरीर का कोई अंग बेकार होने पर बीमा मिलेगा। अगर दुर्घटना में एक हाथ, एक पैर एक आंख चली जाए तो एक लाख रुपये मिलेंगे। दोनों हाथ, दोनों पांव चले जाएं तो दो लाख का बीमा मिलेगा। इस योजना का लाभ 18 से 70 साल के लोगों को मिलेगा। हर साल मात्र 12 रुपये प्रीमियम देने होंगे। हर साल इसका नवीनीकरण कराना होगा। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में 18 से 50 साल के लोगों को बीमा कवर मिलेगा। किसी भी कारण से मृत्यु के बाद बीमा धारक के परिवार को दो लाख रुपये मिलेंगे। प्रतिदिन एक रुपये के हिसाब से साल में 330 रुपये का प्रीमियम देना होगा। लेकिन 330 रुपया एक साथ देने पर ही पॉलिसी मिलेगी। हर साल इस पॉलिसी का नवीनीकरण कराना होगा। अगर आपके तीन खाते हैं तो आप तीन बीमा नहीं ले सकते हैं।
जैसा कि मैंने कहा कि बीमा की खूबसूरती डिटेल में होती है। http://financialservices.gov.in/ नाम की सरकारी वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार बीमा धारक को यह भी ध्यान रखना है कि 70 साल की उम्र होते ही जीवन सुरक्षा बीमा समाप्त हो जाएगी। अगर तब तक मृत्यु नहीं होती है तो आपको कोई पैसा नहीं मिलेगा। 55 साल की उम्र तक प्रीमियम देकर जीवन ज्योति योजना का लाभ उठा सकते हैं। बीमा की राशि तभी मिलेगी जब मृत्यु होगी या दुर्घटना के शिकार होंगे। इसका मतलब यह हुआ कि 37 साल तक 330 रुपये का प्रीमियम बेकार गया।
इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बस आपको जानना है कि यह बीमा दुर्घटना बीमा है। आम तौर पर हम जो जीवन बीमा कराते हैं हमें टर्म खत्म होने के बाद प्रीमियम की राशि से डेढ़ से दो गुना या पांच गुना राशि मिलती है। सरकार की नई बीमा योजना में राशि मिलेगी पर दुर्घटना या मौत होने के बाद ही वर्ना नहीं। इसी के साथ एक पेंशन योजना भी लॉन्च हुई है। अटल पेंशन योजना।
18 से 40 साल की उम्र के युवा ही इस बीमा के पात्र होंगे जिसका लाभ 60 साल के होने पर मिलेगा। इसके लिए साठ साल तक हर महीने 42 रुपये से लेकर 1452 रुपये देने होंगे। इस आधार पर पेंशन की राशि एक हज़ार से पांच हज़ार तक तय हो सकेगी। इसके लिए आपको खाते में बचत करनी होगी और नहीं भर पाये तो सरकार भर देगी। लेकिन सरकार 31 दिसंबर तक ही विशेष मदद करेगी।
आलोचना यह है कि यह योजना 18 से 50 साल के लोगों के लिए ही हैं। 50 साल से पार के लोगों को क्यों बाहर कर दिया गया। सीनियर सिटीजन भी शामिल नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के लिए जो पेंशन योजना है उसके लिए सबको एक हज़ार रुपया दिया जा रहा है। कांग्रेस कहती है कि भारत सरकार ने आम आदमी बीमा योजना, राजीव गांधी शिल्पी स्वास्थ्य योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना की ही पैकेजिंग कर दी है। राजीव गांधी शिल्पी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत शिल्पकार, उसकी पत्नी और दो बच्चों को बीमा कवर दिया गया था। जन्म के दिन से 80 साल की उम्र तक इसके दायरे में थे। 697 और 797 रुपये प्रीमियम सरकार देगी हर साल और शिल्पकार अपनी तरफ से देगा 100 रुपये हर साल। देश के किसी भी अस्तपाल में कोई भी मेडिकल इलाज कराया जा सकता था।
अब यह देखना होगा कि इन योजनाओं की स्थिति क्या है। गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए एक और योजना आई थी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना जो चल रही है। हमारे मेहमान मोहन गुरुस्वामी ने लिखा है कि मोदी सरकार ने जो तीन योजनाएं लॉन्च की हैं उनमें से किसी में भी सरकार अपनी तरफ से एक पैसा नहीं देगी। सब जनता को देना होगा और नाम सरकार का होगा। उनकी दलील है कि इन योजनाओं का लाभ उसी को मिलेगा जिसके पास बैंक खाता है। 120 करोड़ की आबादी वाले देश में 15 करोड़ लोगों के ही बैंक खाते हैं। 110 करोड़ लोग इस स्कीम से बाहर क्यों किये गए हैं।
गुरुस्वामी से हम पूछेंगे कि वे किस आधार पर कहते हैं कि अटल पेंशन योजना के तहत वही पैसा आपको साठ साल बाद मिलेगा जो आपने जमा किया है। यही नहीं जितने लोग बीमा लेंगे उसमें मरने वालों की संख्या बहुत कम होगी। ज्यादा तर लोग बच जाएंगे। ऐसे में प्रीमियम राशि बैंकों की जेब में चली जाएगी। आपको देखना होगा कि 50 साल या 60 साल होने पर मृत्यु दर क्या है। जो भी है ऐसी नीतियों के बारे में चर्चा होनी चाहिए जिससे ज्यादातर लोगों का भविष्य जुड़ा है।
This Article is From May 12, 2015
कितनी बेहतर हैं सरकार की बीमा योजनाएं?
Ravish Kumar
- Blogs,
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Updated:मई 12, 2015 21:39 pm IST
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Published On मई 12, 2015 21:32 pm IST
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Last Updated On मई 12, 2015 21:39 pm IST
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