गुवाहाटी में इस वक़्त लाल बत्तियों की कतार देखनी हो तो कामाख्या मंदिर चले जाएं। वहां ज्यादातर अफसर लाल बत्तियों वाली गाड़ी में बैठकर वीआईपी दर्शन करते हुए मिल जाएंगे।
जब मैं वहां पहुंची तो सुरक्षा के इतने कड़े इंतेज़ाम देख मैं हैरान हो गई। अंदर पहुंच कर पता चला की बात क्या है। दरअसल पूरे देश भर से सभी सीनियर पुलिस वाले देश की आतंरिक सुरक्षा को लेकर चिंतन करने गुवाहाटी आए हुए हैं। ऐसे में सभी वक़्त निकाल कर कामाख्या देवी के दर्शन भी करने पहुंच रहे हैं। कुछ नियुक्ति के लिए और कुछ मुक्ति के लिए।
मुझे वीआईपी से लेकर सभी पार्किंग में लाल बत्तियों की गाड़ी खड़ी हुई मिली। जवान अपने-अपने अफसर को लेकर अंदर से बहार और बहार से अंदर जाते दिखे। कुछ अफसर तो हमें देख कर झेप भी गए। जिस समय ये अफसर हमें मंदिर में मिले, उस समय कॉन्फ्रेंस में आईइस के भारत पर बढ़ते कदमों पर चर्चा हो रही थी।
वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने बताया की सुबह से कई अफसर यहां माथा टेक कर गए। अपनी पोस्टिंग को लेकर ज्यादातर अफसर बड़े सेंसिटिव होते हैं। सभी चाहते हैं की अच्छी पोस्टिंग मिले। शायद यही वजह थी की ज्यादातर अफसर चमत्कार की उम्मीद में वहां दर्शन करने गए।
वैसे आने वाले दिनों में सुरक्षा तंत्र में काफी खलबली होने वाली है, क्यूंकि ज्यादातर शीर्ष अधिकारी रिटायर होने वाले है। आईबी से लेकर रॉ चीफ तक सभी इस साल के अंत तक रिटायर हो रहे हैं। सीबीआई डायरेक्टर भी दो दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं।
वैसे रंजीत सिन्हा भी कामाख्या मंदिर पहुंचे थे। नियुक्ति तो नहीं, शायद मुक्ति के लिए। और जो उनकी जगह पर उम्मीद लगाए बैठे एनआईए के मौजूदा डीजी शरद कुमार भी दर्शन करने पहुंचे।
उधर सीआईएसएफ के डीजी भी माता के पास अरदास लेकर पहुंचे थे। इनके अलावा आईबी के कुछ दूसरे अफसर भी अपने अपने जूनियर्स के साथ दिखे। इन सबको देख मैंने भी जल्दी से जाकर दर्शन कर लिए आखिर चमत्कार की जरूरत किसे नहीं होती...
This Article is From Nov 29, 2014
नीता की नज़र से : कामाख्या मंदिर में लगी अफ़सरों की क़तार
Neeta Sharma, Saad Bin Omer
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Updated:नवंबर 29, 2014 19:57 pm IST
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Published On नवंबर 29, 2014 19:35 pm IST
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Last Updated On नवंबर 29, 2014 19:57 pm IST
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