एक पक्ष जिसके हाथ में देश की बागडोर, तो दूसरा पक्ष वह जिसके हाथ में देश की राजधानी की कमान, अगर भिड़ जाएं तो सारा तंत्र एक-दूसरे को मात देने में लग सा जाता है। कामकाज ठप हो जाए... और शायद यही हो रहा है...। सोमवार को देश के वित्तमंत्री अपने दल-बल के साथ पटियाला हाउस कोर्ट पंहुचे तो इस संघर्ष को अलग आयाम मिल गया। वित्त मंत्री ने डीडीसीए मुद्दे पर लग रहे आरोपों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के 6 नेताओं पर 10 करोड़ की मानहानि का मुकदमा दर्ज कर दिया।
आरोपों की राजनीति के दौर में लक्ष्मण रेखा!
अरुण जेटली जिस समर्थन के साथ कोर्ट पहुंचे, उससे बहुत कुछ जता गए। वेंकैया नायडू, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद,पीयूष गोयल, धर्मेन्द्र प्रधान,जेपी नड्डा, निर्मला सीतारमण, राज्यवर्धन राठौर सहित दिल्ली के तमाम नेता 'केजरीवाल चोर है' के नारों के बीच कोर्ट में घुसे। अरुण जेटली ने कोर्ट में पंहुचकर कहा कि उन्होंने क्रिकेट बोर्ड से एक भी पैसा नहीं लिया है। उनकी पैरवी वकील संदीप लूथरा कर रहे हैं। अरुण जेटली ने सिविल और क्रिमिनल, दोनों केस दायर किए हैं। सिविल मामला हाई कोर्ट में और क्रिमिनल मामला पटियाला कोर्ट में, जिसकी सुनवाई 5 जनवरी को होगी। माना जा रहा है कि क्रिमिनल केस का मकसद है कि विपक्ष के नेता आरोप लगाने में लक्ष्मण रेख न पार करें। लेकिन क्या आरोपों की राजनीति के दौर में यह संभव है?
राजेन्द्र कुमार पर छापे से नया मोड़
डीडीसीए में चल रहे घपले पर तीन-तीन रिपोर्ट आ चुकी हैं, जिनका हवाला बीजेपी के सांसद कीर्ति आजाद कई बरसों से दे रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ होता नहीं दिखा। बस सीबीआई के छापे आम आदमी पार्टी के प्रमुख केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेन्द्र कुमार पर क्या पड़े, इस मसले ने नया मोड़ ले लिया।
अपनों के कारण मुश्किल में बीजेपी
बहरहाल बीजेपी की मुश्किल सांसद कीर्ति आजाद के कारण भी है। संगठन नेता रामलाल और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के मनाने के बावजूद वे नहीं माने और बिशन सिंह बेदी, सुरेन्द्र खन्ना जैसे क्रिकेटरों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर डाली। मैदान पर खेलने वालों के साथ वह वीडियो भी दिखा दिया जिसमें डीडीसीए की धांधलियों की पोल खुलती है। माना जा रहा है कि इससे पार्टी के अंदर जेटली विरोधियों को भी आवाज उठाने का मौका मिल सकता है। कीर्ति आजाद ने सोमवार को संसद के अंदर भी कह डाला कि मामले की समयबद्ध जांच होनी चाहिए।
जेटली विरोधी करेंगे जांच
उधर आम आदमी पार्टी की ओर से डीडीसीए की अनियमितताओं की जांच एक सदस्यीय समिति कर रही है। पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम, जिन्हें जेटली विरोधी माना जाता है, यह जांच करेंगे। आम आदमी पार्टी विधानसभा का स्पेशल सेशन भी बुलाएगी। साथ ही एफआईआर करने की ताकत न होने के कारण वह तमाम कागजात लेकर शिकायत लिखा रही है।
...तो केजरीवाल बन जाएंगे बड़े नेता!
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि जेटली हमें कोर्ट केस से डरा नहीं सकते। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहेंगे। लेकिन आम आदमी पार्टी के नेतोओ में दबे स्वरों में जेल जाने की चर्चा शुरू हो गई है। कुछ का यह भी कहना है कि इससे वे और भी बड़े नेता बन जाएंगे। मानहानि के मसले पर वाजपेयी सरकार में राज्यमंत्री रहे बसनगौड़ा 6 महिने के लिए जेल जा चुके हैं। उन्हें 24 हजार का जुर्माना भी देना पड़ा था। बहरहाल देखते हैं वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच लड़ाई कहां पंहुचती है और कामकाज का हाल क्या रहता है?
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This Article is From Dec 21, 2015
निधि का नोट : बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच गहराता संघर्ष
Nidhi Kulpati
- ब्लॉग,
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Updated:दिसंबर 23, 2015 13:26 pm IST
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Published On दिसंबर 21, 2015 20:34 pm IST
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Last Updated On दिसंबर 23, 2015 13:26 pm IST
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