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This Article is From Jan 02, 2015

एक और 26/11 की तैयारी में थे पाकिस्तानी आतंकी...

Rajeev Ranjan, Vivek Rastogi
  • Blogs,
  • Updated:
    जनवरी 02, 2015 20:18 pm IST
    • Published On जनवरी 02, 2015 19:31 pm IST
    • Last Updated On जनवरी 02, 2015 20:18 pm IST

गुजरात में पोरबंदर के पास भारतीय तटरक्षक जहाज के घेरे में आने के बाद पाकिस्तानी बोट ने जिस तरह से अपने आपको बम उड़ा लिया, उससे यही लगता है कि आतंकवादी एक बार फिर 26/11 जैसा हमला मुंबई या किसी और शहर पर करने की फिराक में थे, लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसिंयों की सतर्कता और चौकसी की वजह से इनकी नापाक हरकत कामयाब नही हो सकी। यहां यह बताना भी ज़रूरी है कि ये फिदायीन हमलावर थे, जिन्हें आम बोलचाल में आत्मघाती हमलावर कहा जाता है, क्योंकि यही वे आतंकी होते हैं, जो सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ से बचने के लिए खुद की जान की परवाह नहीं करते।

एनटीआरओ, यानि नेशनल टेक्निकल रिसर्च आर्गेनाइजेशन ने एक गोपनीय सन्देश पकड़ा (इंटरसेप्ट किया), "महंगा सामान भारत भेजना है... जो सामान लेंगे, उन्हें पैसा दिया जा चुका है, और वे तैयार हैं..." ऐसा ही दूसरा मैसेज 31 दिसंबर को दोपहर 12 बजे भी मिला। इस इनपुट को मरीन और कोस्टगार्ड को भेज दिया गया। इसी दौरान पता चला कि कराची के केती बंदरगाह से निकली पाकिस्तानी बोट अंतरराष्ट्रीय सीमा से होते हुए भारतीय सीमा में 10 से 15 किलोमीटर अंदर दाखिल हो चुकी है। तब कोस्टगार्ड के शिप उसका पीछा करने लगे और उसकी घेराबंदी शुरू कर दी गई। उस वक्त पाक बोट चुपचाप लाइट बंद करके अंधेरे में भारत की ओर बढ़ रही थी।

कोस्टगार्ड ने उनको रोका और बोट की लाइट्स जलाने और बोट की तलाशी देने के लिए कहा। इस पर पाकिस्तानी बोट तेजी से वापस कराची की ओर भागने की कोशिश करने लगी। करीब एक घंटा पीछा करने के बाद कोस्टगार्ड शिप पाकिस्तानी बोट को रोक पाने में सफल हो गए। इधर निगरानी जहाज डॉर्नियर भी बोट पर नजर रखे हुए था। बोट पर करीब चार लोग देखे गए, जिन्होंने कोस्टगार्ड की चेतावनी को नजरअंदाज किया। बजाय डेक के ऊपर आने के, चारों डेक के अंदर चले गए। अंदर जाने के बाद उन्होंने अपने आपको बोट सहित उड़ा लिया। कोस्टगार्ड के शिप ने बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन अंधेरा और मौसम खराब होने की वजह से कुछ भी नहीं बचाया जा सका। कहा यह जा रहा कि पाकिस्तानी बोट में बड़ी तादाद में हथियार और विस्फोटक थे, जिन्हें उन्हें दूसरी बोट में ट्रांसफर करना था।

सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे इनपुट पहले से ही मिल रहे थे कि आतंकी फिर से समुद्र के रास्ते भारत में दाखिल हो सकते हैं। वर्ष 2008 में ऐसे ही पाकिस्तानी आतंकी कराची से पहले पाकिस्तानी बोट से भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे और फिर पोरबंदर के पास समुद्र में ही 'कुबेर' नाम की भारतीय बोट को अगवा कर मुंबई में तबाही मचाने पहुंच गए थे। इस बार भी, फिर से ऐसी ही किसी आतंकी साजिश को अंजाम देने की कोशिश थी, जिसे समय रहते पकड़ लिया गया। गौरतलब है कि इस बार गणतंत्र दिवस पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि हैं, तो ऐसे में आतंकी एक तीर से दो निशाना साधने के फिराक में थे। इससे एक ओर तो भारत को और जख्म देने का मौका मिलता, और वहीं अमेरिका को भी आतंकी अपनी बढ़ती ताकत का एहसास करा सकते थे।

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