किसी दोस्त ने एक दिन व्हॉट्सऐप पर एक वीडियो भेजा। आदतन मैंने नहीं देखा। कुछ देर बाद दोस्त ने फ़ोन करके पूछा कि वीडियो कैसा लगा, तब मैंने वादा किया कि ज़रूर देखूंगा। जब मैंने वीडियो देखा तो हैरान रह गया। एक नेत्रहीन व्यक्ति क्रिकेट कमेंट्री कर रहा था, वो भी रेडियो की स्टाइल में।
घर जाते-जाते जब रेडियो पर खुद क्रिकेट कमेंट्री सुन रहा था, तो वो वीडियो बार-बार ज़हन में आ रहा था। एक ही सवाल था कि जिस व्यक्ति ने क्रिकेट कभी देखा नहीं, वो क्रिकेट के बारे में कमेंट्री कैसे कर सकता है, वो भी अंग्रेज़ी में।
सोचा वर्ल्ड कप के बुखार में स्टोरी लोगों को पसंद आएगी। थोड़ा रिसर्च किया तो पता चला कि इस अनोखे क्रिकेट फैन का नाम करमवीर सेहरावत है, जो दिल्ली के कराला गांव में रहता है। करमवीर एक ब्लाइंड रिलीफ़ स्कूल में नौ साल से रह रहा था, लेकिन मुझे तो ये जानना था कि अंग्रेज़ी में क्रिकेट कमेंट्री कैसे सीखी?
थोड़ी देर करमवीर से बात की, तो रेडियो और क्रिकेट की ताकत का अंदाज़ा हो गया। पिछले 25 सालों से करमवीर क्रिकेट मैचों को रेडियो पर सुनते रहे हैं। उन्हें अंग्रेजी कमेंटटर्स खूब भाते और वो उनकी नकल करने लगता। अगर कोई उसे मैच का हाल पूछता, तो वो अंग्रेजी स्टाइल में कमेंट्री करके उसे पूरे मैच का हाल बताता।
उसने जब मेरे सामने कमेंट्री शुरू की, तो मेरा कैमरामैन भौंचक्का हो गया। उसे यकीन ही नहीं हुआ कि ऐसा कुछ हो सकता है। बस इसी भाव को कैमरे में कैद करना था और लोगों को करमवीर की कहानी बतानी थी। "शौक और लगन हो तो कमज़ोरियां हुनर बन जाती हैं"... करमवीर सेहरावत इस कहावत की शानदार मिसाल हैं। बचपन में उनकी आंखों की रोशनी चली गई, मगर क्रिकेट के प्यार ने जीवन को निराश नहीं होने दिया।
करमवीर सेहरावत में भारत के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों जैसा जुनून है और वो उन सबसे अलग भी हैं। क्रिकेट की बेइंतहा चाहत की वजह से कर्मवीर ने रेडियो पर कमेंट्री सुनना अपना पहला शौक बना डाला। जिस दिन मैच होता, पूरा दिन रेडियो पर बीतता। दिल्ली आकर नए दोस्तों ने उनके इस हुनर को सराह कर इसमें उन्हें नया रंग भरने का मौक़ा दिया। साथियों के साथ करमवीर क्रिकेट मैचों का लुत्फ़ उठाते रहे। कभी शौक, कभी शरारत के सहारे कर्मवीर खुद को मांजते रहे। वो शरारती भी खूब हैं, कभी-कभी बस में चलते हुए जानबूझ कर बेवजह कमेंट्री कर लोगों को हैरान करते रहे।
अपने जीवन को अलग-अलग आवाज़ों के आधार पर चलाने वाले कर्मवीर की आवाज़ ही उनकी पहचान बनती जा रही है, लोग लंबा सफ़र कर उन्हें सुनने और उनसे मिलने उनके पास आने लगे हैं। वो LIVE कमेंट्री नहीं कर सकते, क्योंकि मैच देख नहीं सकते। लेकिन उन्हें अगर मैच का हाल सुनाना हो, तो वो किसी से कम नहीं। दुनिया के सबसे अमीर खेलों में से एक क्रिकेट का यह अनूठा फ़ैन भले ही फ़कीरी में जिंदगी गुज़ार रहा हो, लेकिन उनके चाहने वालों की संख्या हर रोज़ बढ़ती जा रही है। करमवीर इसे ही अपना सबसे बड़ा ईनाम मानते ।