- केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने मोकामा में जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थन में रोड शो निकाला था
- मोकामा विधानसभा क्षेत्र में बाहुबली अनंत सिंह और राजद की वीणा देवी के बीच कड़ा चुनाव मुकाबला चल रहा है
- लालू यादव ने दानापुर विधानसभा से अपने प्रत्याशी रीतलाल यादव के लिए जनसमर्थन जुटाने में सक्रिय भूमिका निभाई
....हर आदमी अनंत बनकर चुनाव लड़ें. मोकामा को अनंत मय कर दीजिए. उनको इतना ज्यादा वोट से जिताइए कि साजिशकर्ता का मुंह काला हो जाय. अनंत जीतेंगे तो नीतीश कुमार का हाथ मजबूत होगा. यह स्पीच है केन्द्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह की, जिन्होंने मोकामा में जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थन में निकाले गए रोड शो के दौरान कही. इस मौके पर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी थे.
जैसा कि जानते हैं बाहुबली अनंत सिंह पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र से जदयू के प्रत्याशी हैं. फिलहाल, जनसुराज के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में जेल चले गए हैं. अनंत सिंह के जेल जाने के बाद राजीव रजंन उर्फ ललन सिंह खुद मोकामा की कमान संभाल रखी है. बता दें कि मोकामा में बाहुबली अनंत सिंह के मुकाबला में बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी चुनाव मैदान में हैं. जबकि जन सुराज से पीयूष प्रियदर्शी उम्मीदवार हैं.
देखें तो, बाहुबली अनंत सिंह के लिए सता पक्ष कमान संभाल रखी है. बाहुबली अनंत सिंह को सता पक्ष के जरिए नायक जैसा प्रदर्शन किया गया. लेकिन यह प्रदर्शन एक तरफा नही हैं. पटना जिले के दानापुर विधानसभा के राजद प्रत्याशी रीतलाल यादव के लिए विपक्ष का प्रदर्शन भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. रीतलाल यादव के लिए राजद प्रमुख लालू यादव खुद वोट मांगी. लालू प्रसाद के साथ इस प्रदर्शन में रीतलाल यादव की बेटी भी मौजूद रही. लालू प्रसाद के इस रोड शो में फूलों की वर्षा हुई. लालू प्रसाद ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनेगी. जनता का प्यार तेजस्वी को मिलेगा. तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे. 14 नवंबर को सरकार बदल जाएगी.
बता दें कि रीतलाल यादव भागलपुर जेल में बंद है. रीतलाल यादव पर रंगदारी मांगने का आरोप है. इसके अलावा रीतलाल कई आपराधिक मामलों का आरोपी रहा है. देखें तो, रीतलाल और अनंत सिंह का जेल से चुनाव लड़ने का यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी दोनों चुनाव लड़ चुके हैं, जिसके लिए नेता वोट की अपील करते रहे हैं.
हर दल में नायक जैसे हैं बाहुबली
देखें तो, बाहुबली उम्मीदवार हर दल में नायक जैसे हो गए हैं. कोई भी दल इससे अछूता नही है. राजनैतिक दलों के लिए बाहुबली इतना मजबूरी हो गए हैं कि जो बाहुबली कानूनी बाध्यता के कारण चुनाव नहीं लड़ सकते, ऐसे में उनके परिजनों को उम्मीदवार के रूप में उतारा गया है. मोकामा में सूरजभान सिंह खुद चुनाव नहीं लड़ सकते. इसलिए राजद ने उनकी पत्नी वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया है. यही नहीं, राजद ने वारिसलीगंज में बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनिता को उम्मीदवार बनाया है. रघुनाथपुर में मो शहाबुददीन के पुत्र ओसामा शहाब को मैदान में उतारा है. लालगंज में बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है.
यह सिर्फ राजद तक सीमित नही है. जदयू और बीजेपी भी अछूता नहीं है. जदयू ने कोचायकोट से अमरेंद्र कुमार पांडेय, एकमा से मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह और नवीनगर से बाहुबली आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद को उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी ने वारिसलीगंज में बाहुबली अखिलेश सिंह की पत्नी अरूणा देवी को उम्मीदवार बनाया है. यहीं नहीं, लोजपा (आर) भी पीछे नहीं है. लोजपा (आर) ने ब्रहमपुर में हुलास पांडेय को उतारा है.
बाहुबलियों को चुनती रही है जनता भी
राजनीतिक दलों के जरिए बाहुबलियों को उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे जनता की स्वीकार्यता भी एक अहम फैक्टर रहा है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 के विधानसभा चुनाव में 68 प्रतिशत विजेताओं ने अपने उपर आपराधिक मामले की जानकारी दी थी. कहने का अभिप्राय है कि जनता भी बाहुबली चेहरे से परहेज नहीं करती. इसलिए राजनीतिक दल भी उसे तवज्जो देते रहे हैं.
2025 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो प्रथम चरण में नामांकन करनेवालों में से 1303 प्रत्याशियों में से 32 प्रतिशत पर आपराधिक केस दर्ज है. यही नहीं, दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 1297 उम्मीदवारों के शपथ पत्र के मुताबिक, 415 उम्मीदवारों ने अपने उपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इनमें से 341 उम्मीदवारों ने अपने उपर गंभीर आरोप घोषित किए हैं. इनमें 19 उम्मीदवारों ने हत्या से संबंधित मामले घोषित किए हैं.
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