नीतीश कुमार पर आरजेडी सांसद संजय यादव की टिप्पणी.
बिहार विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बीच मंगलवार को हुई तीखी नोक-झोंक पर आरजेडी सांसद संजय यादव (RJD MP Sanjay Yadav On Nitish Kumar) की प्रतिक्रिया सामने आई है. नीतीश पर हमलावर आरजेडी सांसद ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने जो कहा उस पर टिप्पणी करना भी अब बेकार है. अब तो यह भी नहीं कहा जा सकता कि उनकी स्थिति दयनीय है या निंदनीय है, वह तो उससे भी आगे जा चुके हैं. सीएम नीतीश सदन में किसी भी तरह के सकारात्मक मुद्दों पर चर्चा नहीं करते हैं. सोमवार को विनयोग पर नेता प्रतिपक्ष का वक्तव्य था, उसमें तो वह बैठे नहीं. वह सब कुछ विधान परिषद में बोलते हैं.
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"नीतीश अपने होशो हवाश खो चुके हैं"
आरजेडी सांसद ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार महिलाओं के प्रति जिस तरह की अशोभनीय बाते करते है और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करते हैं और जिस जुबान में वह बोलते है, वह कहीं से भी उचित नहीं है. जिस तरह की बात वह करते हैं. किसी से भी पूछा जाए तो वो भी यही कहेगा कि वह अपने होश हवाश खो चुके हैं.
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राबड़ी देवी नेता प्रतिपक्ष है. उनको लेकर ऐसी टिप्पणी करना यह दिखाता है कि सीएम को लोकतांत्रिक मूल्यों की कितनी परवाह है. नीतीश के बारे में अब कुछ भी कहना फालतू में टाइम खराब करना है. क्या वाकई किसी मुख्यमंत्री का व्यवहार ऐसा होना चाहिए. प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर वह ध्यान नहीं देते और तू तड़ाक करके बात करते हैं. संजय यादव ने पूछा कि किसी मुख्यमंत्री को यह शोभा देता है.
"नीतीश शारीरिक-मानसिक रूप से थक चुके हैं"
संजय यादव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार नेता प्रतिपक्ष के साथ किसी मुद्दे पर बहस नहीं करते. अगर महिला अधिकार पर बात करो तो कहते हैं कि तोड़ा का पता है, कोचि जानती हो ? इस पूरे ब्रह्मांड में सीएम नीतश के अलावा जैसे किसी को कुछ पता ही नहीं है. सीएम नीतीश पर हमलावर आरजेडी सांसद ने कहा कि जब एक इंसान जब कमजोर होता है और उनके हाथ से चीजें बाहर हो जाती है तो वह चिड़चिड़ाता है. उसे गुस्सा आता है. यह कमजोर आदमी की निशानी है. नीतीश शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुके हैं. तेजस्वी जी मजबूत है तो आराम से बैठे हैं और संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं.
"बिहार में NDA का सिर्फ सहूलियत का गठबंधन"
नीतीश कुमार ने तेजस्वी के पूछे किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. कल उन्होंने पूछा कि पिछले 20 सालों में ऐसी एक उपलब्धि गिनवा दीजिए जिसमें बिहार नंबर एक पर है. नीतीश कुमार गिनवा ही नहीं पाए. बीजेपी के पास बिहार में न ही अपना कोई नेता है और न ही नीति है. न ही विकास की कोई नियत है. एनडीए में सभी दलों का सिर्फ सहूलियत का गठबंधन है. उनका मकसद सिर्फ कुर्सी से चिपके रहना है. बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार अनियंत्रित हो गए हैं. ये लोग इस सब पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं देते हैं और न ही किसी पर जिम्मेदारी तय करते हैं.
"शिक्षा , रोजगार में बिहार सबसे नीचे"
उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पलायन में बिहार सबसे नीचे पायदान पर है. किसी भी सेक्टर के आंकड़े उठा कर देख लें, बिहार की हालत दयनीय हो गई है. नीतीश कुमार की मनोस्थिति से तो महिलाएं वाकिफ हो चुकी है . उन्होंने पहले भी जो टिप्पणी की थी उस पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि कैसी बातें कर रहे हैं.
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