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This Article is From Mar 09, 2019

VIDEO: यही है प्रशांत किशोर का 'प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री' वाला वह बयान, जिस पर जदयू भी है खिलाफ

बिहार की सियासत एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में है. बीते दिनों चुनावी रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एक ऐसा बयान दिया कि जदयू ही उनके बयान से इत्तेफाक रखने को तैयार नहीं है.

VIDEO: यही है प्रशांत किशोर का 'प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री' वाला वह बयान, जिस पर जदयू भी है खिलाफ
मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर
नई दिल्ली:

बिहार की सियासत एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में है. बीते दिनों चुनावी रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एक ऐसा बयान दिया कि जदयू ही उनके बयान से इत्तेफाक रखने को तैयार नहीं है. प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने अब तक पीएम और सीएम बनने में मदद की है और अब युवाओं को सांसद और विधायक बनाने में मदद करेंगे. हालांकि, जदयू के नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर के बयान को जदयू ने उनका निजी बयान बताया और कहा कि इससे पार्टी इत्तफाक नहीं रखती.  

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दरअसल, 5 फरवरी को बिहार के मुजफ्फरपुर में युवाओं के साथ एक कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर कहा कि अगर किसी को मैं मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने में मदद कर सकता हूं तो बिहार के नौजवानों को मुखिया और विधायक भी बना सकता हूं.' इस बयान के बाद प्रशांत किशोर लगातार मीडिया में छाए हुए हैं और बिहार की राजनीति में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि शायद प्रशांत कुमार और जदयू के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.

प्रशांत किशोर के सांसद-विधायक बनाने वाले बयान ने उन्हीं के पार्टी के नेताओं को असहज कर दिया है. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि उनकी पार्टी के रोल मॉडल नीतीश कुमार हैं. बतौर नीरज कुमार किसी को एमएलए-एमपी बनाना जनता के हाथ मे हैं. उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी इस बयान से इत्तेफाक नहीं रखती है. नीरज कुमार ने कहा कि पार्टी सिर्फ माहौल बनाती है, नेता बनाना तो जनता के हाथ में है. उन्होंने कहा कि वे नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करके अच्छा महूस करते हैं.

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इतना ही नहीं, इसके अलावा एक इंटरव्यू में प्रशांत कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार को महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद उन्हें बीजेपी के साथ न जाकर फ्रेश मैंडेट यानी नए जनादेश के लिए दोबारा चुनाव में जाना चाहिए था. प्रशांत किशोर का यह बयान इसलिए काफी अहम हो जाता है क्योंकि प्रशांत किशोर न सिर्फ जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं बल्कि वह नीतीश कुमार के भी काफी करीबी माने जाते हैं. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि विपक्ष प्रशांत किशोर के इस बयान को भुनाने की कोशिश कर सकता है और चुनाव में इसका मायलेज भी. 

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