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साड़ी न मिली तो कुर्सी ही सही... फारबिसगंज के चुनावी कार्यक्रम में सुबह से शाम इंतजार से बिफरी महिलाएं

बिहार के फारबिसगंज इलाके से एक दिलचस्प खबर आई है, जहां सुबह से शाम तक साड़ी मिलने के इंतजार में बैठीं महिलाओं का सब्र का बांध टूट गया और वो कुर्सी लेकर चल पड़ीं.

साड़ी न मिली तो कुर्सी ही सही... फारबिसगंज के चुनावी कार्यक्रम में सुबह से शाम इंतजार से बिफरी महिलाएं
Bihar NDA Office Farbisganj
फारबिसगंज:

बिहार चुनाव में प्रचार जोर शोर से चल रहा है और किसी भी कार्यक्रम में भीड़ की दरकार सब नेताओं को होती है. अररिया फारबिसगंज विधानसभा में एनडीए कार्यालय के उद्घाटन में ऐसी ही भीड़ जुटाई गई थी, लेकिन महिलाओं के इंतजार का बांध उस वक्त टूट गया, जब सुबह से लेकर शाम हो गई और उनसे किया गया वादा अधूरा ही रहा. इससे नाराज महिलाएं कुर्सी उठाकर चल दीं. छठ को लेकर साड़ी और अन्य सामानों के मिलने की आस में वो सुबह से शाम तक वहां बैठी थीं.

फारबिसगंज दीनदयाल चौक पर एनडीए के प्रधान चुनाव कार्यालय के शुभारंभ का समय चार बजे निर्धारित था. एनडीए के चुनावी कार्यालय के उद्घाटन को लेकर सुबह से ही कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी कार्यालय पहुंची थी. सुबह से ही इंतजार करते करते जब महिलाओं और अन्य लोगों का सब्र का बांध टूट गया तो महिलाओं ने कुर्सियों पर ही हाथ फेरना शुरू कर दिया. दरअसल महिलाएं छठ पर्व पर साड़ी और अन्य पूजन सामग्री मिलने की आशा लगाई हुई थी और इसके लिए सुबह से ही इंतजार किया जा रहा था.

चार बजे उद्घाटन का समय निर्धारित था. 4 बजने के बाद भी जब नेतागण चुनावी कार्यालय का उद्घाटन के लिए नहीं पहुंचे तो महिलाओं के सब्र का बांध जवाब दे दिया और महिलाएं कुर्सी उठाकर गाली गलौज करते हुए निकल गई. हालांकि बाद में मौजूद स्थानीय कार्यकर्ताओं और टेंट हाउस वालों ने महिलाओं को ऐसा करने पर रोक दिया, लेकिन तब तक कई महिलाएं कुर्सी को अपने माथे पर उठाकर चलते बने।

अररिया से अरुण कुमार की एक रिपोर्ट

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