
- महुआ विधानसभा सीट पर इस बार तेजप्रताप, डॉ. मुकेश रौशन और संजय कुमार सिंह के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है
- तेजप्रताप ने आरजेडी से निष्कासित होकर जनशक्ति जनता दल की टिकट पर महुआ सीट से नामांकन भरा है
- एनडीए गठबंधन ने महुआ सीट एलजेपी (आर) को दी है, जिसने संजय कुमार सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है
महुआ विधानसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. इस बार यहां ऐसा त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है, जिसकी शायद ही लालू परिवार ने कल्पना की होगी. आरजेडी से निष्कासित तेजप्रताप ने जनशक्ति जनता दल की टिकट पर महुआ सीट से नामांकन भर दिया है. आरजेडी ने डॉ. मुकेश रौशन को महुआ से टिकट दी है. एनडीए गठबंधन में इस बार महुआ सीट एलजेपी (आर) के हिस्से में आई है, जिसने संजय कुमार सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजप्रताप ने भले की इस सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन तब जेडीयू के बदले एलजेपी (आर) ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी. वह दूसरे स्थान पर रही थी. यही वजह है कि इस बार एनडीए ने इस सीट को एलजेपी (आर) को देने का फैसला किया है.
कब कौन जीता
तेजप्रताप इससे पहले 2020 तक महुआ सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें हसनपुर से चुनाव लड़ाया था. इस सीट पर हुए शुरुआती 3 चुनावों में कांग्रेस ने पहले तीन चुनावों में जीत हासिल की थी. लेकिन 1977 के बाद से कांग्रेस को महुआ सीट पर कभी जीत नहीं मिल पाई. इसके बाद हुए 11 चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल ने 5बार, जनता पार्टी और जनता दल ने 2-2 बार तथा लोक दल और जद(यू) ने 1-1 बार जीत हासिल की.
वोटों का गणित
महुआ पूरी तरह ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र है. इस विधानसभा क्षेत्र में 2020 में कुल 2,86,501 मतदाता थे, जिनमें 21.17% अनुसूचित जाति और 15.10% मुस्लिम मतदाता थे. यहां दलित वोटर ही जीत-हार तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं.
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