
- बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं के खाते में सोमवार को पहली किस्त की राशि डाली जाएगी.
- इस योजना के अंतर्गत कुल 5,000 करोड़ रुपये सीधे महिलाओं के बैंक खातों में DBT के माध्यम से ट्रांसफर किए जाएंगे.
- इसके लिए ग्रामीण महिलाएं ग्राम संगठन में जाकर और शहरी महिलाएं जीविका की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं.
Mahila Rojgar Yojana: बिहार में नीतीश सरकार की 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के तहत आवेदन करने वाली महिलाओं के खाते में सोमवार को पहली किस्त की राशि डाली जाएगी. महिलाओं के खाते में कुल 5000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे, जिससे लाखों महिलाएं स्वरोजगार शुरू कर पाएंगी या पहले से चल रहा अपना व्यवसाय आगे बढ़ा पाएंगी. बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से ये राशि ट्रांसफर की जाएगी. डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के लिए सोमवार सुबह 11:00 बजे राज्य स्तरीय कार्यक्रम होना है, जिसका लाइव प्रसारण भी होगा.
इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है. बिहार के 38 जिले में संकुल स्तरीय संघ और ग्राम संगठन स्तर पर इसे उत्सव के तौर पर मनाया जाएगा.
पहले 10,000 फिर 2 लाख रुपये तक का लोन भी
योजना के पहले चरण में हर महिला को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी. यह राशि उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद करेगी. इसके बाद व्यवसाय की स्थिति देखकर 15,000 रुपये, 75,000 रुपये या अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा. ब्याज दर 12% प्रति वर्ष होगी, जबकि चुकाने की अवधि 1 से 3 साल के बीच तय की गई है ताकि महिलाओं पर बोझ न पड़े.
ये कदम राजनीति में महिलाओं की ताकत को साधने की एक बड़ी रणनीति मानी जा रही है. सरकार का उद्देश्य केवल आर्थिक मदद देना ही नहीं है, बल्कि उद्यमिता और तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाना है. इस योजना के जरिए नीतीश कुमार ने महिलाओं को सशक्त करने का एक मजबूत संदेश दिया है, जो चुनावी दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है.

1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने किया आवेदन
जीविका स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं को ही इस योजना का लाभ देने का प्रविधान है. ये राशि महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने, छोटे-मोटे बिजनेस शुरू करने या वर्तमान में चल रहे व्यवसायों को बढ़ाने में सहायता के उद्देश्य से दी जा रही है. अब तक 1.05 करोड़ जीविका दीदियों ने इसके लिए आवेदन किया है, जबकि 1.40 लाख से अधिक महिलाओं ने समूह से जुड़ने के लिए आवेदन किया है.
शहरी इलाकों में काम कर रही 4.66 लाख जीविका दीदियों ने योजना के तहत आवेदन किया है. वहीं, 4.04 लाख से ज्यादा शहरी महिलाओं ने जीविका के तहत संचालित स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ने के लिए आवेदन किया है.
महिलाएं ऐसे कर सकती हैं आवेदन
ग्रामीण क्षेत्रों में, जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हैं, वे अपना आवेदन अपने ग्राम संगठन में जमा कर सकती हैं. ग्राम संगठन एक मीटिंग बुलाकर सभी से एक ही फॉर्म में आवेदन लेगा. अगर आप SHG से नहीं जुड़ी हैं, तो पहले आपको ग्राम संगठन में फॉर्म भरकर समूह का हिस्सा बनने के लिए आवेदन करना होगा. शहरी महिलाएं जीविका की वेबसाइट (www.brlps.in) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं, लेकिन जो महिलाएं पहले से SHG से जुड़ी हैं, उन्हें ऑनलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं है.
जीविका से जुड़ी हैं 1.34 करोड़ महिलाएं
जीविका दीदी योजना का संचालन बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (BRLPS) करती है. इसे 2006 में विश्व बैंक की मदद से शुरू किया गया था. वर्तमान में राज्य में 10.81 लाख स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे 1.34 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं. ये समूह कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, किराना दुकान, सिलाई-कढ़ाई और छोटे उद्योगों से महिलाओं की आय बढ़ा रहे हैं. हाल ही में इसके तहत जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड बनाया गया है, जो महिलाओं को बैंक की तरह सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध कराएगा.
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