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अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगाई, हमें जेल में डाला... CM नीतीश ने याद किया आपातकाल का वो भयावह दिन

सीएम नीतीश ने इतिहास के उस काले अध्याय को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कई साथियों के साथ आपातकाल के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया और इसका विरोध किया. उनको तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जेल में बंद कर दिया गया था.

अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगाई, हमें जेल में डाला... CM नीतीश ने याद किया आपातकाल का वो भयावह दिन
आपातकाल पर सीएम नीतीश कुमार.
  • सीएम नीतीश कुमार बोले-आपातकाल का दिन याद है
  • आपातकाल तत्कालीन कांग्रेस सरकार की तानाशाही का प्रतीक
  • मैंने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाई तो जेल में बंद कर दिया गया
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पटना:

आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar On Emergency) ने 25 जून 1975 का वो भयावह दिन एक बार फिर याद किया. सीएम नीतीश ने कहा कि देश में जब आपातकाल लागू हुआ था,  वो दिन हम सभी को याद है. इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास का काला दिन कहा जाता है. साल 1975 का आपातकाल तत्कालीन सरकार की तानाशाही का प्रतीक था. आपातकाल में जनता की अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगा दी गई थी.

सीएम नीतीश ने इतिहास के उस काले अध्याय को याद करते हुए कहा कि आपातकाल के खिलाफ लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने आंदोलन शुरू किया था. उन्होंने भी अपने कई साथियों के साथ इस आंदोलन में भाग लिया और आपातकाल का सक्रिय विरोध किया. उनको और उनके सभी साथियों को तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जेल में बंद कर दिया गया.

लोकतंत्र की रक्षा हमारी जिम्मेदारी

सीएम नीतीश ने कहा कि उस समय देशवासियों ने एकता और साहस का परिचय दिया. उन्होने एकजुट होकर लड़ाई लड़ी. सभी जानते हैं कि लोकतंत्र के मूल में जनता की आवाज होती है. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम हर परिस्थिति में उसकी रक्षा करें. बिहार ने हमेशा संविधान, न्याय, स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय की भावना को अपने विकास का मार्ग बनाया है. हमारा यह संकल्प रहे कि हम संविधान के आदर्शों की रक्षा के लिए सदैव सजग और तत्पर रहेंगे.

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