- मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद बाढ़ अनुमंडल के दो थानाध्यक्षों को निलंबित कर दिया गया है
- दुलारचंद यादव पर चुनाव प्रचार के दौरान हमला हुआ, जिसमें गोली लगी और बाद में उन्हें गाड़ी से कुचल दिया गया था
- दुलारचंद यादव पूर्व में राजद से जुड़े थे और बाद में जन सुराज पार्टी के साथ सक्रिय भूमिका निभा रहे थे
मोकामा में दुलारचंद यादव हत्याकांड में वरीय पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने कार्रवाई करते हुए बाढ़ अनुमंडल के घोसवारी और भदौर थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है. दुलारचंद यादव की हत्या से मोकामा विधानसभा क्षेत्र सुर्खियों में है. पूरे इलाके में तनाव फैल गया है. गुरुवार को तारतार-बसावनचक इलाके में चुनावी प्रचार के दौरान दुलारचंद पर हमला हुआ था. गवाह के मुताबिक, झड़प के दौरान पहले गोली चली और फिर उन्हें गाड़ी से कुचल दिया गया.
दुलारचंद यादव की पहचान मोकामा-टाल क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता के रूप में रही है. वे पहले राजद (RJD) से जुड़े थे और लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते थे. बाद में उन्होंने जन सुराज पार्टी का साथ लिया और पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे. मोकामा की राजनीति में बाहुबल और प्रभाव का गहरा मेल रहा है, जिसमें दुलारचंद भी एक अहम चेहरा बनकर उभरे थे.

इधर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर का कहना है कि दुलारचंद यादव की मौत गोली लगने की वजह से नहीं हुई है. दुलारचंद का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर अजय कुमार सिंह का कहना है कि जांच में उनके शरीर पर बहुत ज्यादा जख्म पाया गया है. इसके साथ ही अंदरूनी चोट है. डॉक्टर ने कहा कि सबूत यही है कि चोट की वजह से मौत हुई होगी.
बताया जा रहा है कि जन सुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार में निकले थे. इस दौरान उनके काफिले पर कुछ लोगों ने लाठी-डंडे से हमला कर दिया. आरोप है कि भीड़ में किसी ने गोली भी चलाई जो दुलारचंद यादव को लगी, जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग का कहना है कि हाल ही में पत्थरबाजी और हमले की घटना में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं. पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव घरवालों को सौंप दिया गया. मौके पर पुलिस तैनात है.

दुलारचंद यादव हत्याकांड में मृतक के पोते ने पांच आरोपियों की पहचान की है. इसके साथ ही दूसरी शिकायत में छह लोगों के नाम दिए हैं. शुरुआती जांच में दुलारचंद की बॉडी पर गोली का निशान पाया गया था.
स्थानीय लोगों का कहना है कि दुलारचंद मोकामा ताल क्षेत्र में अपने सामाजिक कार्यों और राजनीतिक संबंधों के लिए जाने जाते थे. पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह झड़प पुरानी रंजिश और चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय स्तर पर वर्चस्व की होड़ के कारण हुई होगी.
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