पटना में अमित शाह ने नीतीश कुमार से की मुलाकात
- बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को पटना पहुंचे हैं
- अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ब्रेकफ़ास्ट किया
- रात में डिनर पर भी मुलाक़ात होगी.
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नई दिल्ली:
बिहार में 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और जेडीयू में रस्साकशी की ख़बरों के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को पटना पहुंचे हैं. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ब्रेकफ़ास्ट किया और फिर रात में डिनर पर भी मुलाक़ात होगी. बीजेपी-जेडीयू सरकार बनने के बाद अमित शाह की नीतीश से ये पहली मुलाक़ात है. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर बात होगी. यानी बड़े भाई और छोटे भाई की भूमिका तय होगी. नीतीश ने पहले ही साफ़ कर दिया है कि अगर वो सीटों के बंटवारे से संतुष्ट नहीं होंगे तो आगे सोचेंगे.
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2019 पर खींचतान
- सीट बंटवारे पर BJP-JDU में खींचतान
- JDU ने ख़ुद को बताया बड़ा भाई
- देश में मोदी, बिहार में नीतीश चेहरा: JDU
- 2014 में JDU को सिर्फ़ 2 सीटें मिलीं
- 2014 में BJP को 22 सीटें मिली थीं
- पहले JDU-25, BJP-15 सीटों पर लड़ती थी
- अब NDA में पासवान और कुशवाहा भी
- अभी LJP-6, RLSP-3 लोकसभा सीटें
- क्या BJP देगी JDU को ज़्यादा सीटें?
रात का भोजन नीतीश कुमार के वर्तमान आवास 7, सर्कुलर रोड पर होगा. यहां भी बिहार भाजपा के कुछ गिने चुने नेता आमंत्रित हैं. लेकिन जहां तक सीटों के बंटवारे पर चर्चा का सवाल है, भाजपा और जेडीयू के नेता मानते हैं कि कोई अंतिम फ़ैसला दो बैठकों में करना बेकार है. हां, मुलाक़ात के साथ चर्चा शुरू हो जाएगी लेकिन कब तक नीतीश कुमार को उनके मनमाफ़िक सीटें दी जाएंगी ये सब कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के ऊपर निर्भर करता है.
ओवैसी के निशाने पर आए नीतीश कुमार, 2015 की बात याद दिलाकर किया बड़ा हमला
भाजपा के नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बातचीत कर अपनी असल स्थिति और नीतीश कुमार के आने के बाद की ज़मीनी स्थिति का आकलन करेंगे. उसके बाद जेडीयू कितने सीटों पर दावा पेश करता है उसका इंतज़ार किया जाएगा.
...तो इस वजह से बिहार को नहीं दिया जा सकता विशेष राज्य का दर्जा
फ़िलहाल पार्टी के बिहार के अधिकांश नेताओं का मानना है कि नीतीश के साथ चलना बेहतर है. अगर नीतीश एनडीए से अलग हुए तो महागठबंधन को उसका लाभ मिलेगा. वहीं जेडीयू के नेता मान कर चल रहे हैं कि भाजपा सीटों के मामले पर जल्द अपना मन नहीं बताने वाली. उनका कहना है कि अमित शाह अगर नाश्ता और डिनर दोनों नीतीश कुमार के साथ करने को तैयार हैं तब उसका मतलब फ़िलहाल उनका मन नीतीश को साथ रखने का है ना कि उन्हें अलग चुनाव लड़ने के लिए मजबूर करने का.
VIDEO: बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे पर फंसा पेंच
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