- विधानसभा में तेजस्वी की गैरमौजूदगी से आरजेडी विधायक परेशान
- जेडीयू ने कहा- तेजस्वी की राजनीति का धीरे-धीरे अंत हो रहा
- सदन में गैरमौजूदगी पर डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सवाल उठाया
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की राजनीति के अलावा घोटालों से संबंधित मामलों से संबंधित मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उनकी पार्टी के विधायक उनके विधानसभा सत्र में नदारद रहने के कारण मीडिया वालों से मुंह फिराते दिखते हैं.
विशेष अदालत ने IRCTC मामले में तेजस्वी यादव को उस अर्ज़ी को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि जब तक इस मामले में CBI कोर्ट में ट्रायल चल रहा है, तब तक ईडी का ट्रायल शुरू नहीं किया जाए. दिल्ली की विशेष अदालत ने मंगलवार को एक आदेश में कहा कि CBI और ED दोनों का ट्रायल एक साथ चलेगा. इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी.
निश्चित रूप से तेजस्वी यादव के लिए यह फैसला एक झटका है. अब एक साथ दोनों कोर्ट में ट्रायल चलने के कारण उन्हें कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना होगा और सुनवाई पर ध्यान रखना होगा. एक फैसला दूसरे फैसले पर भी असर डाल सकता है. इस फैसले के आने के बाद जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि अब तेजस्वी यादव की राजनीति का धीरे-धीरे अंत हो रहा है. उनका अधिकांश समय कोर्ट को बाहर से देखने और सुनने में जाएगा.
इस बीच बिहार विधानसभा में तेजस्वी यादव की सदन में अनुपस्थिति पर उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राजद के लोगों से पूछा कि आख़िर बाढ़ में प्रभावित लोगों की सुध लेने विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता क्यों नहीं गए. मोदी का इशारा तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी की ओर था. इससे पहले अब्दुल बारी सिद्दिकी ने यह मामला उठाया था कि इस वर्ष बाढ़ का जायज़ा लेने न तो कोई केंद्रीय मंत्री आए न ही किसी केंद्रीय टीम को भेजा गया.
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