आम चुनाव से ठीक पहले बिहार में सीएम नीतीश कुमार द्वारा की गई शराब बंदी एक बार फिर चर्चाओं में है. दरअसल, इस बार चर्चा की वजह खुद बिहार पुलिस के जवान हैं. बिहार के नालंदा से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसमें बिहार पुलिस के जवान नशे की हालत में हंगामा करते दिख रहे हैं. खास बात यह है कि नालंदा सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला है. ऐसे में अब इस अभियान पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना नालंदा के उत्पाद विभाग की है. जहां कार्यरत दो सैफ के जवानों ने शराब के नशे में खूब हंगामा किया. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने दोनों जवानों को जब हिरासत में लिया तो दोनों आरोपी जवान पुलिस से भी मारपीट करने पर उतारू हो गए. मगर पुलिस ने किसी तरह से दोनों जवानों को काबू में लिया. लेकिन इसके बाद भी उनका हंगामा रुका नहीं.
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फिलहाल दोनों को पुलिस हिरासत में लेकर मेडिकल जांच के लिए भेज दिया गया है. मगर इस घटना से यह जाहिर होता है कि बिहार में अभी भी पूर्ण शराब बंदी कराने में सरकार सफल नही पाई है. गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने शराब बंदी कानून को सही तरीके से लागू करने को लेकर कुछ दिन पहले एक आंकड़ा पेश किया था. बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए इस आंकड़ो के अनुसार बिहार में शराब बंदी कानून का पालन न करने पर हर 10 मिनट में 1 आरोपी को गिरफ्तार किया जा रहा है.
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यानी की बिहार पुलिस हर दिन 172 ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रही है जो इस कानून का उल्लघंन करते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा को बताया था कि अप्रैल 2016 से अब तक ऐसा करने वाले कुल 1.21 लाख आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं 1 अप्रैल 2016 से 6 मार्च 2018 तक के बीच संबंधित विभाग ने कुल 6.5 लाख छापेमारी की है. इनमें कुल 2 मिलियन लीटर शराब जब्त की गई. ध्यान हो कि नीतीश कुमार की सरकार ने 1 अप्रैल 2016 को राज्य में देशी शराब तो तुरंत प्रभाव से और अगले छह महीने में हर किस्म की शराब को बंद करने का एलान किया था.
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