
बिहार गजब है... ये हम यूं ही नहीं कह रहे हैं. इसके पीछे की वजह जानकर आप भी दंग रह जाएंगे. दरअसल, मामला बिहार के कटिहार का है जहां रेलवे कॉलोनी में अधिकारियों के घर चोरी की घटना को रोकने के लिए स्थानीय DRM ने एक ऐसा फैसला ले लिया है जिसे सुनकर आप ही हैरान रह जाएंगे. बताया जा रहा है कि बीते कुछ समय से डीआरएम बिल्डिंग से सटे रेलवे कॉलोनी में चोरी की कई वारदातें सामने आई थीं. जिसे देखते हुए डीआरएम साहेब ने चोरों को पकड़वाने की जगह कॉलोनी के अंदर से होकर गुजरने वाली सड़क पर दीवार देकर बंद कराना ज्यादा उचित समझा.

अब आप ही बताइये क्या सिर्फ दीवार खड़ी कर रास्ते को रोक देने भर से क्या चोर चोरी करने से बाज आ जाएगा या साहेब को ऐसी आपराधिक घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए ऐसे चोरों को पकड़वाने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए था. अगर वो ऐसा करते तो स्थानीय लोग भी उनकी तारीफ कर रहे होते लेकिन सड़क को बंद करवाकर उन्होंने बैठे बिठाए स्थानीय लोगों की परेशानी तो बढ़ाई ही साथ ही अपना माखौल भी उड़वा लिया. सड़क पर दीवार खड़ी करवाने से अगर चोरी रुक जाती तो फिर बात ही क्या थी. डीआरएम के इस एक तुगलकी फरमान से स्कूली बच्चों से लेकर बुजुर्गों को काफी परेशानी हो रही है.

आम जनता को ही रही परेशानी
कटिहार के जिस कॉलोनी में जगह-जगद दीवार देकर जिन रास्तों को रोका गया है,ये वही रास्ते हैं जिनका इस्तेमाल शहरवासी बीते 35 सालों से कर रहे हैं. इस रेलवे कॉलोनी में आने जाने के लिए सिर्फ एक रास्ते को खुला छोड़ा गया है ऐसे में यहां रहने वालों और आसपास के मोहल्ले में रहने वाले लोगों को अब एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए काफी घूमकर जाना पड़ रहा है. खास बात तो ये है कि इस कॉलोनी के अंदर और इसके आसपास कई स्कूल और बैंक भी हैं. ऐसे मे सवाल ये उठता है कि जिस रास्ते को बीते 30 से ज्यादा सालों से लोग इस्तेमाल कर रहे थे उसे बगैर किसी वजह के ऐसे एकाएक बंद कर देने से क्या आम लोगों की दिक्कत और नहीं बढ़ेगी.

DRM ने दिया सुरक्षा का हवाला
अलग-अलग रास्तों को बंद करने को लेकर जब स्थानीय लोगों ने रेलवे के डीआरएम से मुलाकात की तो उन्हें डीआरएम ने अपने और अपने अधिकारियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए सिविल कॉलोनी को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण सड़क के घेराबंदी को सही साबित करने की दलील दी. रेलवे विभाग के इस फैसले से स्थानीय लोगों में खासा गुस्सा है. और वो डीआरएम के इस फैसले को तानाशाही बता रहे हैं.
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