
- बिहार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आम लोगों के लिए राज्य का खजाना खोल दिया है.
- पिछले एक महीने में मुख्यमंत्री ने समाज के लगभग सभी वर्गों के लिए योजनाओं की घोषणा की है.
- मुफ्त बिजली, पेंशन बढ़ाने और युवाओं को नौकरी-रोजगार से ही 4 करोड़ लोगों को फायदा हो रहा है.
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आम लोगों के लिए राज्य का खजाना खोल दिया. पिछले एक महीने में मुख्यमंत्री ने समाज के लगभग सभी वर्ग के लिए सौगातों का ऐलान किया है. 125 यूनिट मुफ्त बिजली, सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि बढ़ाने के साथ ही बड़ी संख्या में युवाओं को नौकरी-रोजगार से जोड़ने जैसी कई योजनाओं का मास्टरस्ट्रोक चला है. सिर्फ इन तीन घोषणाओं से ही राज्य की करीब 4 करोड़ की आबादी को फायदा मिलने का दावा किया जा रहा है. इसके अलावा अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार का वादा भी किया गया है.
90% घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली
125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना का लाभ जुलाई महीने से घरेलू उपभोक्ताओं को मिल रहा है. बिहार के करीब 1 करोड़ 86 लाख 60 हजार घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को इसका फायदा हुआ है. राज्य में 125 यूनिट तक बिजली की मासिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 1 करोड़ 67 लाख 94 हजार है, जो कुल घरेलू उपभोक्ताओं के 90 प्रतिशत हैं. इस तरह करीब 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं के लिए मुफ्त बिजली की यह सुविधा वरदान साबित हो रही है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बिल का भुगतान करने में कठिनाई का सामना करते थे. अब बिजली मुफ्त में मिलने से ऐसे लोग बचे हुए पैसे को अन्य मद में खर्च कर सकेंगे. शिक्षा, स्वास्थ्य आदि में यह पैसे खर्च हो तो उनके जीवनस्तर में सुधार हो सकता है.
मुफ्त बिजली का कितना सियासी फायदा?
हाल ही में कराए गए एक सर्वे से पता चला है कि राज्य की बड़ी आबादी को 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना का लाभ मिल रहा है. सर्वे के मुताबिक, 63 फीसदी लोगों का मानना है कि इस योजना से साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी दलों को फायदा हो सकता है. वहीं 31 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार को इससे कोई फायदा नहीं होगा. जबकि 6 फीसदी लोगों ने इसके बारे में कुछ कह नहीं सकते जवाब दिया.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन से आबादी को लाभ
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत बिहार सरकार बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं को पेंशन देती है. योजना का उद्देश्य इन वर्गों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की बढ़ी राशि से लाभार्थियों को आर्थिक सुरक्षा के साथ सम्मान भी मिला है. इसके तहत पहले 400 रुपये की राशि दी जाती थी, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया है. इससे 1 करोड़ 12 लाख लाभार्थियों को सीधे मदद मिल रही है. इन लाभार्थियों पर आश्रित लोगों को भी इसका फायदा पहुंच रहा है.
युवाओं का भविष्य संवारने पर जोर
राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, यह शुरू से ही नीतीश सरकार की सोच रही है. अब तक 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी और 39 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं. कुछ ही महीनों में 12 लाख सरकारी नौकरी और 50 लाख रोजगार का लक्ष्य हासिल हो जायेगा. नीतीश कुमार ने वर्ष 2025 से 2030 के बीच एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य रखा है.
मानदेय, प्रोत्साहन राशि में इजाफा
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने शारीरिक शिक्षा व स्वास्थ्य अनुदेशकों, जीविका कर्मियों, स्कूल के रसोइयों, रात्रि प्रहरियों के मानदेय, आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि एवं पत्रकारों की पेंशन राशि में वृद्धि करके उन्हें सम्मानजनक जीवन की गारंटी दी है. इसके कारण बिहार का एक बड़ा तबका आज अपने को आर्थिक रूप से सशक्त और सम्मानित महसूस कर रहा है.
पिछले 4 महीनों में नीतीश की बड़ी घोषणाएं
रोजगार, उद्योग व आर्थिक पैकेज
- विशेष आर्थिक पैकेज: पूंजी सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी और GST प्रोत्साहन दोगुना करने का ऐलान.
- हर जिले में उद्योग के लिए जमीन उपलब्ध कराने और जो उद्योग अधिक रोजगार देंगे, उन्हें मुफ्त भूमि देने की घोषणा.
- औद्योगिक भूमि विवादों के त्वरित निपटारे और 6 महीनों में सुविधाएं लागू करने के रोडमैप का ऐलान.
1 करोड़ नौकरियां-रोजगार का लक्ष्य
- सरकार ने 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी-रोजगार देने का नया लक्ष्य घोषित किया.
- साथ ही 2020 में 50 लाख युवाओं को नौकरी-रोजगार उपलब्ध कराने की घोषणा की है.
अंतरराज्यीय बस सेवा
- होली, दुर्गा पूजा और छठ के समय भारी भीड़ को संभालने के लिए अंतरराज्यीय बस सेवा चलाने की योजना को मंजूरी.
परीक्षा फीस में रियायतें
- सभी राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रीलिम्स की फीस एक समान 100 रुपये करने और मेन्स परीक्षा को मुफ्त करने की घोषणा की गई, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों पर बोझ घटेगा.
ऊर्जा और बिजली
- घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 1 अगस्त 2025 से प्रति माह 125 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा. इसका 1.67 करोड़ परिवारों को लाभ.
- 3 वर्षों में 10,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य. अत्यंत गरीब परिवारों के लिए सोलर प्लांट का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा
- 7 नए मेडिकल कॉलेज-अस्पताल स्थापित करने का ऐलान. इन जिलों में होंगे स्थापित- किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा.
सामाजिक सुरक्षा व कल्याण
- नीतीश कुमार सरकार ने पत्रकारों के लिए बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना की घोषणा भी की है.
आशा-ममता वर्करों को सपोर्ट
- आशा और ममता कार्यकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन/मानदेय में बढ़ोतरी, आशा कार्यकर्ताओं को अतिरिक्त समर्थन देने का निर्णय. स्कूल सहायक कर्मियों व अन्य मानदेय धारियों का मानदेय दोगुना.
- मिड-डे मील रसोइयों का मानदेय 1,650 रुपये से बढ़ाकर 3,300 रुपये, फिजिकल टीचर्स का 8,000 से बढ़ाकर 16,000 और नाइट गार्ड का 5,000 से 10,000 प्रतिमाह किया गया.
अन्य प्रमुख घोषणाएं
- शिक्षक भर्ती (TRE-4) की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश
- 35% महिला आरक्षण केवल बिहार की निवासी महिला अभ्यर्थियों के लिए
- आर्थिक पैकेज/रोजगार लक्ष्य/उद्योग भूमि संबंधित घोषणाएं
- 7 नए मेडिकल कॉलेजों का ऐलान और त्योहारों पर बस सेवा
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