
बिहार के नवादा जिले के रहने वाले मनीष कुमार जम्मू-कश्मीर करगिल में ड्यूटी के दौरान शहीद (Bihar Manish Kumar Martyred) हो गए. उनका पार्थिव शरीर 16 मई को पटना लाया जाएगा. मनीष कुमार रूपौ थाना क्षेत्र के पाण्डेयगंगौट गांव के रहने वाले थे.आंतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन रक्षक के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. बेहोशी की हालत में उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया. शहीद मनीष का पार्थिव शरीर कारगिल से भेज दिया गया है, जो कि 16 मई को पटना पहुंचेगा.
बिहार का लाल देश की खातिर शहीद
मनीष कुमार 27 साल के थे. साल 2018 में वह आर्मी में नर्सिंग असिस्टेंट के तौर पर भर्ती हुए थे. फिलहाल, उनकी पोस्टिंग मेडिकल अस्पताल कारगिल में थी. मनीष के शहीद होने की खबर मिलते ही नवादा सदर एसडीओ अखिलेश कुमार और एसडीपीओ महेश चौधरी उनके पैतृक गांव पहुंचे. उन्होंने शोक में डूबे परिवार से मिलकर उनको सांत्वना दी.

3 महीने पहले हुई थी शादी, करगिल में शहीद
मनीष कुमार की शाही 3 महीने पहले 6 मार्च को धुरिहार गांव की खुशबू से हुई थी. देश की रक्षा की खातिर उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया. बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. मनीष की पत्नी इस बात पर यकीन ही नहीं कर पा रही हैं कि उनके पति अब इस दुनिया में नहीं रहे.

शहीद जवान मनीष कुमार की शादी की फोटो)
दिल से नहीं निकल रहीं मनीष की यादें
मनीष के पिता अशोक राम पेशे से ड्राइवर हैं. उनकी मां सुशीला देवी गृहिणी हैं. शहीद मनीष के तीन और भाई हैं. चार भाइयों में से तीन भाई फौज में थे, जबकि एक भाई पढ़ाई कर रहा है. मनीष के शहीद होने की खबर से न सिर्फ परिवार बल्कि क्षेत्र के लोग भी काफी दुखी हैं. आसपास के लोग मनीष को याद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मनीष एक नेक दिल इंसान थे. देश की रक्षा में जान गई है. देश को उनपर नाज है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं